Kiran chaudhary: हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं किरण चौधरी आज यानि बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गई है। कांग्रेस छोड़ने के बाद कहा जा रहा है कि उनका भाजपा के साथ अहीरवाल में भी राजनीतिक कद बढ़ सकता है। आइये जानते हैं कि किरण चौधरी कौन हैं।
दरअसल, किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह की पत्नी हैं। अपने ससुर और पति की मौत के बाद किरण चौधरी ने बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। वह चार बार तोशाम से विधायक रह चुकी हैं और लगातार अपने क्षेत्र की जनता से जुड़ी हुई हैं। जब उन्होंने भाजपा का दामन थामा तो उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर कुछ तस्वीरें ट्वीट की है। जिन्हें शेयर करते हुए लिखा कि आज बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। वह चौ.बंसीलाल जी के पदचिन्हों पर चलकर हरियाणा और क्षेत्रवासियों के हित में हमेशा समर्पित रहेंगी।
दिल्ली से शुरू किया था राजनीति का सफर
किरण चौधरी का जन्म दिल्ली कैंट में हुआ था। वह हरियाणा के झज्जर के गोछी गांव के ब्रिग्रेडियर आत्मा सिंह अहलावत की बेटी हैं। उनके दो भाई-बहन है। जिनका नाम अशोक चौधरी और अनुराधा चौधरी है। किरण ने 1993 में दिल्ली कैंट से भी विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने 1998 में फिर से दिल्ली कैंट विधानसभा से चुनाव लड़ा। तब वह जीत गई थीं। किरण चौधरी 1998 से 2003 तक दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 2003 में भी उन्होंने दिल्ली कैंट से चुनाव लड़ा था। वह हार गई थी। इसके बाद उन्होंने हरियाणा से साल 2004 में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा का चुनाव हारा। साल 2005 में उन्होंने हरियाणा के तोशाम से विधायकी का उपचुनाव लड़ा। जिसे वह जीत गईं। इसके बाद 2019 तक उन्होंने लगातार तोशाम विधायकी का चुनाव जीता।
अहीरवाल में बढ़ सकता है बीजेपी का कद
कहा जा रहा है कि बीजेपी में जाने के बाद किरण चौधरी का भिवानी के साथ ही अहीरवाल में राजनीतिक कद बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भिवानी और महेंद्रगढ़ की संसदीय सीट भाजपा के पाले में हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने भी अपनी रैली में पूर्व सीएम चौ. बंसीलाल का नाम लिया था और पीएम ने बंसीलाल के एक संस्मरण को भी साझा किया था। इससे पीएम ने बंसीलाल के समर्थकों को साधने की कोशिश की थी।
चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़ने का बना लिया था मन !
कहा जा रहा है कि किरण चौधरी ने कांग्रेस से दूर जाने का मन चुनाव से पहले ही बना लिया था। चरखी दादरी में राहुल गांधी की रैली के दौरान ही किरण और राव दान सिंह के बीच तल्खी सार्वजनिक हो गई थी और चुनाव के बाद राव दान सिंह ने किरण पर साथ नहीं देने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी हाईकमान तक यह बात पहुंच गई है।