Haryana Congress: हरियाणा विधानसभा का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस हाईकमान सख्त हो गया है। जिसके चलते प्रदेश के संगठन में बड़ा बदलाव किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान को पद से हटाया जा सकता है। वहीं विधानसभा में भी किसी गैर जाट MLA को विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। 

दरअसल, प्रदेश का चुनाव हारने के बाद से कांग्रेस में पिछले कई दिनों से मंथन जारी है। हाईकमान ने इस हार को गंभीरता से लिया है। ऐसा इसलिए हैं, क्योंकि प्रदेश सत्ता विरोधी लहर थी और कांग्रेस को लेकर अच्छा माहौल था। लेकिन, इसके बाद भी कांग्रेस चुनाव हार गई है और महज 37 सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर बहुमत का आंकडा भी पार कर दिया। जिसके चलते हाईकमान संगठन में बड़े बदलाव कर सकती है।

हालांकि, हार के कारणों का पता लगाने के लिए कांग्रेस ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का फैसला लिया है,जो हरियाणा में पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी बदले जा सकते हैं।

कुमारी सैलजा को मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी 
इसी बीच इस बात की चर्चा हो रही है कि कुमारी सैलजा को फिर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। वहीं चुनावों में जाट कार्ड खेलने वाली कांग्रेस अब दूसरी जातियों को साधने का भी प्रयास करेगी। इसके लिए विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी भी किसी गैर जाट को दी जा सकती है।

राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आफताब अहमद, गीता भुक्कल और बीबी बतरा में किसी एक को विधानसभा में विपक्ष का नेता घोषित किया जा सकता है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि अगर जाट नेता को यह जिम्मेदारी सौंपने की बात आई तो कांग्रेस पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुबीर कादियान को विपक्ष का नेता चुन सकती है।