Kurukshetra: भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को दो पेटेंट प्रदान किए गए हैं। अप्रैल माह में भारत के कार्बोक्सिमिथाइलसेलुलोज एस्टर आधारित ड्रग डिलीवरी सिस्टम और एपोप्टोसिस इंड्यूसिंग कंपोजिशन कॉम्प्रोमाइजिंग ट्रायज़ोलोथियाज़ोलिल-ट्रायाज़ोल बेंजीन का व्युत्पन्न हेतु केयू को दो पेटेंट प्रदान किए गए हैं। पेटेंट मिलने के बाद विवि स्टाफ सदस्यों में खुशी की लहर है। साथ ही नवाचार के क्षेत्र में विवि और अधिक मेहनत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कुरुक्षेत्र विवि को अब तक मिले 22 पेटेंट
केयू को अब तक 22 पेटेंट प्रदान किए जा चुके हैं और इनमें से अधिकांश पेटेंट कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा द्वारा अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा व बदलाव के बाद प्रदान किए गए हैं। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने शिक्षकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि पेटेंट का उद्देश्य नवाचार और नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना है। शोध और अनुसंधान को बढ़ावा व प्रोत्साहन देने के लिए पेटेंट विशेषज्ञ के माध्यम से केयू शिक्षकों को पेटेंट दाखिल करने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
अनुसंधान प्रकाशनों की गुणवत्ता में किया सुधार
प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय में इन्क्यूबेशन, स्टार्ट अप और इनोवेशन केंद्रों की स्थापना की गई है और अनुसंधान प्रकाशनों की गुणवत्ता में सुधार किया गया। प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि केयू ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. रमेश मेहता को आईपीआर और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मानद प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया है। प्रोफेसर मेहता द्वारा विश्वविद्यालय से कोई शुल्क लिए बिना पेटेंट दाखिल करने में संकाय सदस्यों को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।