हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन की अटकलों पर बड़ा बयान दिया है। सीएम का कहना है कि इस गठबंधन का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड ही ले सकता है। उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड की बैठकें हो रही हैं। राज्य की चुनाव समिति के लोगों को भी परसों बुलाया है। सीएम ने उम्मीद जताई कि आचार संहिता लागू होने से पहले ही सभी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो जाएगा।
सीएम मनोहर लाल ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। हरियाणा में लोकसभा प्रत्याशियों की सूची कब आएगी, यह काम पार्टी के संसदीय बोर्ड का है। उन्होंने कहा कि पहली सूची में 195 लोगों का नाम सामने आया है। दूसरी सूची कब आएगी यह देखने का काम भी संसदीय बोर्ड का है। हालांकि उन्होंने कहा कि हरियाणा की चुनाव समिति के लोगों को परसों की बैठक में बुलाया गया है। उम्मीद है कि इस मुलाकात के बाद जल्द ही हरियाणा से भी लोकसभा चुनाव प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो सकती है।
जेजेपी के साथ गठबंधन पर नपा-तुला बयान
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने करीब दो दिन पहले बयान दिया था कि अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा नहीं करती है, तो जेजेपी सभी दस सीटों पर प्रत्याशी उतार सकती है। हालांकि जेजेपी ने समझौता होने पर दो सीटों यानी हिसार लोकसभा सीट और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। जब इस बारे में सीएम मनोहर लाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि लोकसभा सीटों के समझौते का फैसला संसदीय बोर्ड ही कर सकता है।
बीजेपी अकेली लड़ेगी या सीटों पर होगा समझौता
अब सवाल उठ रहा है कि बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर जेजेपी की इच्छा के मुताबिक दो सीटें दे सकती है। पिछले लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने पर बीजेपी को ज्यादा लाभ हुआ था। हरियाणा लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़कर सभी दस सीटें हासिल की थीं। वहीं 2014 का लोकसभा चुनाव हजकां के साथ मिलकर लड़ा था। हजकां ने हिसार और सिरसा लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा। यह दोनों सीटें हजकां हार गई थी और बीजेपी को सिर्फ सात सीटें ही मिल पाई थीं। ऐसे में देखना होगा कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी के बीच गठबंधन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं का क्या रूख रहेगा।