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हरियाणा में देवीलाल परिवार का गढ़ रही सिरसा संसदीय सीट पर इस बार चौटाला परिवार का कोई भी नेता सक्रिय नजर नहीं आ रहा। हालांकि सिरसा संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। यहां देवीलाल परिवार का दबदबा रहा है। इस बात का अंदाजा 2014 में हुए चुनाव को लेकर लगाया जा सकता है।

सुरेन्द्र असीजा, फतेहाबाद: देवीलाल परिवार का गढ़ रही सिरसा संसदीय सीट पर इस बार चौटाला परिवार का कोई भी नेता सक्रिय नजर नहीं आ रहा। हालांकि सिरसा संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। यहां देवीलाल परिवार का दबदबा रहा है। इस बात का अंदाजा 2014 में हुए चुनाव को लेकर लगाया जा सकता है। देशभर में नरेन्द्र मोदी की लहर के बावजूद यहां से इनेलो के चरणजीत रोड़ी सांसद बने थे और कई बार अभय चौटाला ऐलनाबाद से विधायक बनते आ रहे हैं। इसके अलावा यहां इनेलो पार्टी की टिकट पर चार बार सांसद चुने जा चुके हैं।

इनेलो के सर्वेसर्वा अभय चौटाला कुरुक्षेत्र ने आजमा रहे भाग्य

चौटाला परिवार के अभय सिंह चौटाला मौजूदा समय में इनेलो के सर्वेसर्वा है और इस बार कुरुक्षेत्र से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस व आम आदमी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार सुशील गुप्ता व भाजपा के नवीन जिंदल चुनाव मैदान में है। चौटाला परिवार के ही वरिष्ठ सदस्य बिजली मंत्री रणजीत सिंह भाजपा की टिकट पर, पूर्व उपमुख्यमंत्री व जजपा के प्रमुख दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला जजपा की टिकट पर तथा देवीलाल परिवार की पुत्रवधू सुनैना चौटाला इनेलो टिकट पर हिसार से चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूरा चौटाला परिवार सिरसा से बाहर चुनाव प्रचार में हैं।

चौटाला परिवार ने हिसार में डाल रखा डेरा

कुरुक्षेत्र में अभय अपने लिए जोर लगा रहे हैं तो बिजली मंत्री रणजीत सिंह, नैना चौटाला व सुनैना चौटाला के लिए पूरा परिवार हिसार में डेरा डाले हुए है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूरा चौटाला परिवार दो सीटों पर ही सिमट कर रह गया है। इससे पूर्व सिरसा लोकसभा क्षेत्र में चौटाला परिवार के सदस्य सक्रिय रहते थे। क्योंकि यहां देवीलाल व चौटाला परिवार का पूरा दबदबा है। सिरसा सीट पर दबदबे व खास हस्तक्षेप के चलते चौटाला परिवार यहां से चार बार अपने सांसद बनाने में भी कामयाब रहा है लेकिन 2024 के चुनाव में सब इसके उलट नजर आ रहा है। इस बार यहां से भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर है और दो धड़ों में बंटा चौटाला परिवार यहां से गायब है।

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