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मुख्यमंत्री नायब सैनी के शपथ लेने के चार दिन बाद लोकसभा चुनावों की घोषणा से लगी आचार संहिता का असर सरकारी कामकाज पर स्पष्ट देखने को मिल रहा है। मंत्रियों को दफ्तर मिले तो नेम प्लेट नहीं लगी। एक एक मंत्री द्वारा कई कई नाम भेजने से मंत्रियों के लिए स्टाफ नियुक्त करना भी अफसरों के लिए धर्म संकट बना हुआ है।

Lok Sabha Elections News: योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़। हरियाणा में नवगठित मंत्रीमंडल के मंत्रियों को शपथ लिए हुए तीन सप्ताह का वक्त बीतने जा रहा है। उनको भले ही कमरे और विभाग अलाट कर दिए गए हों लेकिन अभी तक भी स्टाफ की तैनाती को लेकर स्थिति साफ नहीं है, क्योंकि सभी के आफिस में बैठाए गए स्टाफ का लैटर आदि अभी भी जारी नहीं हो सका है। इसके अलावा उनके कमरों पर भी अभी तक नेम प्लेट नहीं लगी है, अभी कागज पर प्रिंट निकालकर मंत्री का नाम लिखा गया है। कुल मिलाकर एक तो आचार संहिता की तलवार, ऊपर से अस्थाई तौर पर तैनात किए गए स्टाफ के पास जब खुद का लेटर नहीं है, तो कैसे कामकाज करेंगे ? कईं मंत्रियों ने मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद व सीपीएस सीएम से बातचीत की गई है। लेकिन अफसरों के सामने भी धर्मसंकट के हालात बने हुए हैं। 

स्टाफ को लेकर स्पष्ट नहीं हो रही स्थिति 

खास बात यह है कि पहले चरण में शपथ लेने वाले और उसके एक सप्ताह बाद में पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था। पहली बार में सीएम के अलावा  पांच मंत्रियों ने शपथ ली थी। दूसरे चरण में यह कुनबा बढ़ गया था। मंत्रियों अभय सिंह यादव और कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा को छोड़ दें तो अभी तक बाकी के पास स्टाफ की स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं है। जिसके कारण कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। कुल मिलाकर अब इसकी चर्चा भी चलने लगी है कि उक्त मामले को लंबा क्यों लटकाया जा रहा है?

मंत्रियों के स्टाफ में लगने के लिए लंबी लाइन

मंत्रियों के स्टाफ में लगने के लिए लंबी लाइन है, दरअसल अपने रसूख और संबंधों के बल पर सचिवालय के स्टाफ द्वारा मंत्रियों से अपने अपने नामों के नोट बनवाए गए और कार्मिक विभाग के पास में भेज दिए गए। कईं कईं मंत्रियों के पास से तो दर्जनभर नाम भी भेज दिए गए हैं। इसमें पीएस (निजी सचिव) के अलावा निजी सहायक, डाटा एंट्री आपरेटर, अधीक्षक, सेवादारों सहित कईं कईं नाम भेजे गए हैं। तैनात करने वाले अफसर भी धर्मसंकट मंा हैं क्योंकि इतने सारे नामों में किसे भेजा जाए। बताया जा रहा है कि अब मंत्रियों से बही इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा जाएगा। 

मात्र पुराने मंत्रियों के पास स्टाफ व नेम प्लेट वाले कमरे

हरियाणा के नायब सिंह सैनी कैबिनेट में रिपीट हुए मंत्रियों के पास ही हरियाणा सिविल सचिवालय में कमरें हैं। वहीं उनके पास में स्टाफ भी पुराने वक्त से चला आ रहा है। सचिवालय के आठवें  फ्लोर पर वरिष्ठ मंत्री कंवरपाल गुर्जर के पास में पुराना कमरा ही है। उनके पास में चला आ रहा स्टाफ भी पुराना है। इसी तरह से इसी फ्लोर पर डॉ. बनवारी लाल के पास भी पुराना दफ्तर और स्टाफ चल रहा है। वहां पर भी कोई बदलाव नहीं हुआ है और नेम प्लेट भी पुराने वक्त की लगी हुई हैं।

मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम की प्लेट लगी

हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सैनी की नेम प्लेट सबसे पहले लगी है। हरियाणा सचिवालय के चौथे फ्लोर पर उनका ऑफिस है, जहां पर शपथ ग्रहण के अगले ही दिन प्लेट लगाई गई थी। कुल मिलाकर उनके मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले बाकी मंत्रियों के आफिस पर अभी तक भी कागज के प्रिंट निकालकर नाम लगाए गए हैं।  
 

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