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हरियाणा के यमुनागनर में लोकसभा चुनाव में कौन सी पार्टी जीतेगी, कौन प्रत्याशी विजयी होगा और कौन प्रधानमंत्री बनेगा, इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। लोग चर्चा के साथ बहस करने पर उतारू हो रहे है। चुनाव के साथ ही लोगों के बीच भी पारा बढ़ने लगा है।

Yamunanagar: लोकतंत्र के 18वें लोकसभा महापर्व में किस पार्टी की जीत होगी और कौन बनेगा प्रधानमंत्री, यह अभी भविष्य के गर्भ में है। मगर चुनाव की रणभेरी के धीरे-धीरे चरम पर पहुंचने के साथ ही जहां राजनीतिक पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चत बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने लगी हैं, वहीं चौक, चौराहों, गली मोहल्लों और चाय की दुकानों पर लोगों के बीच कौन बनेगा सांसद और कौन बनेगा प्रधानमंत्री के बारे में बहसबाजी शुरु हो गई है। खास बात यह है कि लोग चौक चौराहों पर खड़े होकर आपस में बतियाते हुए अपने अपने समर्थक उम्मीदवार के समर्थन में विचार व्यक्त करते हुए बहसबाजी पर उतरने लगे हैं।

लोकलुभावने वादे करने वालों से खफा हैं लोग

चौपाल पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं के साथ लोक लुभावने वायदे करती हैं। मगर सत्ता में आने के बाद न तो निर्वाचित हुआ सांसद दोबारा मुड़कर मुंह दिखाता है और ना ही किए गए वादे पूरे किए जाते हैं। मतदाता बाद में अपने आप को ठगा सा महसूस करते रहते हैं। उनका कहना था कि सांसद किसी भी पार्टी का बने, उनका सांसद ऐसा होना चाहिए जो उनके दुख दर्द को समझ सके। उन्हें ऐसा सांसद हरगिज स्वीकार नहीं है जो बनने के बाद मात्र अपने चहेते कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देकर उनके ही सुख दुख में सरीक होता है।

बुनियादी सुविधाएं नहीं हुई दूर

यमुनानगर के जठलाना, गुमथला, जयपुर, अलाहर समेत अन्य गांव के चौक चौराहों पर बैठे आपस में बतियाते अधिकांश ग्रामीणों ने बताया कि देश को आजाद हुए दशकों बीत चुके हैं। मगर अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने जठलाना क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं को दूर नहीं किया है। आज भी इलाके के लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनका कहना था कि अब मतदाता जागरूक हो चुके हैं और ऐसा सांसद चाहते हैं जो उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निवारण करवा सके।

बाहरी प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद हो जाते हैं रफूचक्कर

ग्रामीणों ने कहा कि रादौर विधानसभा का इलाका कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। कई बार राजनीतिक पार्टियों द्वारा कुरुक्षेत्र लोकसभा से बाहरी प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं। वह चुनाव जीतने के बाद इलाके में दोबारा अपनी शक्ल तक नहीं दिखाते। इस बार भी भाजपा द्वारा नवीन जिंदल, इनेलो द्वारा अभय चौटाला व आप-कांग्रेस गठबंधन द्वारा सुशील गुप्ता को मैदान में उतारा गया है। तीनों ही प्रत्याशी बाहरी क्षेत्र से आते हैं। इलाके के मतदाता इस बार भी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अब इन बाहरी प्रत्याशियों में किसकी विजय होगी, यह भविष्य के गर्भ में है।

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