महापंचायत में उमड़ी किसानों की भीड़: खनौरी बॉर्डर पर स्ट्रेचर से मंच पर लाए गए डल्लेवाल, तो राकेश टिकैत ने टोहाना में भरी हुंकार

Farmers Mahapanchayat: किसान अपनी मांग को लेकर महापंचायत कर रहे हैं। टोहाना और खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत चल रही है। टोहाना से राकेश टिकैत और जोगिंदर सिंह ने और खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल ने किसानों को संबोधित किया।;

Update: 2025-01-04 10:20 GMT
Jagjit Singh Dallewal address farmers in Khanauri Border Mahapanchayat
खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत में डल्लेवाल ने किसानों को किया संबोधित।
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Farmers Mahapanchayat: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 40 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट और पंजाब सरकार उन्हें लगातार अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन डल्लेवाल अपनी बात पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, वे अनशन नहीं तोड़ेंगे। डल्लेवाल ने 04 जनवरी को महापंचायत का ऐलान किया था। किसानों से बड़ी तादाद में इस महापंचायत में शामिल होने का आग्रह किया था। इसके अलावा टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत भी हो रही है।

स्ट्रेचर से मंच पर लाए गए डल्लेवाल

हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत हो रही है। इस दौरान बड़ी तादाद में किसान डल्लेवाल की महापंचायत में पहुंचे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बेहद खराब है, वे चलने फिरने में असमर्थ हो गए हैं। उन्हें स्ट्रेचर से मंच पर लाया गया है। किसान नेता डल्लेवाल ने मंच से कहा कि पुलिस की तरफ से उन्हें उठाने के प्रयास किए गए। जब लोगों को इस बारे में पता चला, तो पंजाब और हरियाणा से सैकड़ों युवाओं ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। सरकरा जितना चाहे उतना जोर लगा ले लेकिन ये मोर्चा तो हम ही जीतेंगे। 

डल्लेवाल ने कहा कि कई बार काम बहुत कठिन होते हैं लेकिन अगर उसे करने की ठान लो, तो उसे किया जा सकता है। अगर हम किसी काम को कठिन समझकर बैठ जाएंगे, तो हमारा ही नुकसान होगा। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई है कि इस साल लगभग 4 लाख किसानों ने आत्महत्या कर ली है। किसानों की इतनी मौतों पर किसी किसान नेता ने कुछ नहीं कहा। किसानों की मौतों पर अंकुश लगाना जरूरी है। 

डल्लेवाल ने किया किसान संगठनों से आंदोलन में शामिल होने का निवेदन

डल्लेवाल ने कहा कि जो भी हो रहा है, वो भगवान की मर्जी है। मैं जो लड़ाई लड़ रहा हूं, वो लड़ते हुए सिर्फ एक शरीर दिखाई दे रहा है लेकिन ये सब ऊपर वाले की मर्जी है। सुप्रीम कोर्ट ने मेरी चिंता जताई इसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। जिन किसानों ने आत्महत्या की उनका क्या कसूर था? उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि मेरा सभी संगठनों से निवेदन है कि सभी एकसाथ होकर सरकार को चिंतित कर दो। तब सरकार को समझ में आएगा कि ये आंदोलन केवल पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश का है। उन्होंने कहा कि हर गांव से कम से कम एक ट्रॉली किसान जरूर पहुंचें। इससे किसान मोर्चे को ताकत मिलेगी। साथ ही उन्होंने महापंचायत में शामिल हुए सभी किसानों का धन्यवाद किया। 

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राकेश टिकैत ने किसानों को किया संबोधित 

वहीं हरियाणा के टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत हो रही है। इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए हैं। राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को केंद्र चला रहा है और केंद्र इस आंदोलन को लंबा खींच रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि सात जनवरी को एक बार फिर पूरे देश में पंचायत होगी। टिकैत ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग महापंचायतें चल रही हैं।

टोहाना में एक दिन की महापंचायत है, इस महापंचायत में किसानों की मांगें उठाई जा रही हैं। खनौरी बॉर्डर, शंभू बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का इससे कोई संबंध नहीं है। उन्हें वहां की कमेटी उस आंदोलन को चला रही हैं। ये संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत है। सरकार ने अगर हमारी बात नहीं मानीं, तो आंदोलन के लिए सोचेंगे। 

डल्लेवाल के समर्थन में बोले टिकैत

राकेश टिकैत ने डल्लेवाल के समर्थन में कहा कि हमने खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की थी। हम उनसे अनशन खत्म करने के लिए नहीं कह सकते। उनकी कमेटी ही इस बात का निर्णय लेगी। हम भी चाहते हैं कि एमएसपी किसान गारंटी लागू की जाए। किसान नए ड्राफ्ट का भी विरोध करते हैं। 

जोगिंदर सिंह उगराहां ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां भी पहुंचे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो काले कानून पहले वापस कराए थे, वही नई नीति की ड्राफ्ट में शामिल हैं। इसमें खुली मंडी, मार्केट फीस कम करने और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग है। सरकार ने पहले भी दिल्ली नहीं जाने दिया था और अब फिर शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा इसकी निंदा करता है।  

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