हरियाणा में ओलावृष्टि के कारण फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। प्रदेश सरकार ने प्रभावित किसानों की मदद के लिए एक तरफ जहां ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल रखा है, वहीं दूसरी तरफ फसलों की गिरदावरी करने के भी आदेश दे दिए हैं। कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के सभी प्रभावित जिला प्रशासन को इस बारे में निर्देश दे दिए गए हैं। उधर, विपक्ष की बात करें तो ओलावृष्टि प्रभावित फसलों के लिए किसानों को जल्द मुआवजा देने की मांग कर रहा है।
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसान एक तरफ एमएसपी की मांगों को लेकर बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुदरत की मार भी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को पोर्टल वोर्टल खोलकर किसानों से नहीं खेलना चाहिए बल्कि तुरंत प्रभावित किसानों को उनके बैंक अकाउंट में जल्द से जल्द मुआवजा राशि देनी चाहिए।
कांग्रेस ने भी की तुरंत मुआवजा देने की मांग
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने भी मांग की है कि उनके क्षेत्र में भी ओलावृष्टि से खराब फसलों के लिए तत्काल गिरादवरी कराकर तुरंत मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तमाम जिलों में ओलावृष्टि से गेहूं, चना, सरसों समेत अन्य फसलें पूरी तरह से बिछ गई हैं। सोनीपत, हिसार, अंबाला, यमुनानगर, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल और जींद के अलावा तमाम जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है, जिसके कारण किसानों को खासा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत पहले ही खराब है और मौसम की इस मार के चलते उनके लिए गुजारा करना भी मुश्किल हो जाएगा।
फसलों पर तीसरी बार कुदरती मार
हरियाणा के किसानों पर तीसरी बार कुदरत की मार पड़ी है। रविवार से पहले शनिवार को भी दूसरी बार बारिश और ओलावृष्टि ने कई जिलों में फसल को पूरी तरह से बिछा दिया था। शनिवार को 25.6 एमएम बारिश हुई थी। इससे पूर्व 19 फरवरी को भी तेज बारिश और ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा था। मौसम विभाग की मानें तो 5 मार्च के बाद ही मौसम साफ हो पाएगा। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से इसके बाद भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि बारिश और ओलावृष्टि का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के लिए रजिस्ट्रेशन जारी
बता दें कि हरियाणा सरकार ने पहले से ही ई-क्षतिपूर्ति योजना शुरू कर रखी है। आप इसके पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराकर ओलावृष्टि प्रभावित फसल का ब्यौरा दे सकते हैं। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कैसे करना है, यह जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए...