रोहतक। भारतीय प्रबंधन संस्थान ( आईआईएम) रोहतक में गुरुवार रात उस समय हंगामा हो गया। जब आईआईएम प्रबंधन ने फाइनल वैरिफिकेशन के बाद ओबीसी कोटे का लाभ देने से इंकार करते हुए आधा दर्जन से अधिक छात्रों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिसके बाद छात्रों के साथ अभिभावक भी धरने पर बैठ गए। आईआईएम से बाहर निकाले गए छात्रों को फाइनल वैरिफेशन से पहले हास्टल अलाट हो गया था तथा छात्रों ने अपना सामान भी शिफ्ट कर लिया था। फाइनल वैरिफिकेशन के बाद मैनेजमेंट ने अचानक छात्रों को बाहर निकालने का फरमान सुना दिया।
सामान के साथ निकाला बाहर
आईआईएम ने फाइनल वैरिफिकेशन के बाद 14-15 छात्रों को ओबीसी कोटे का लाभ देने से इंकार करते हुए सामान के साथ हॉस्टल से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद छात्र ओबीसी कोटे का लाभ देने की मांग करते हुए अभिभावकों के साथ आईआईएम परिसर में ही धरने पर बैठ गए। छात्रों ने बताया कि आईआईएम ने दाखिला देने के बाद उन्हें हॉस्टल भी अलाट कर दिया था। जिसके बाद छात्रों ने हॉस्टल में अपने छात्रों का सामान भी शिफ्ट कर लिया था। गुरुवार को अचानक मैनेजमेंट ने बाहर निकलने का फरमान सुना दिया। छात्रों और उनके अभिभावकों ने मांग उठाई है कि उन्हें ओबीसी श्रेणी का लाभ दिया जाए और उनके दाखिले को सही माना जाए, क्योंकि सरकार के नियम के अनुसार उनके अभिभावक ग्रुप बी में नौकरी करते हैं, जो क्रीमी लेयर से बाहर हैं। इसलिए उन्हें इसका लाभ दिया जाए। देर रात तक आईआईएम के बाहर तनाव बना हुआ था।
अब तक आठ लाख की आय वालों को मिलता था लाभ
छात्रों ने बताया कि अब तक आईआईएम में गरीब परिवार अर्थात आठ लाख से कम आय वाले छात्रों को सरकार के नियमानुसार ओबीसी कोटे के तहत लाभ मिलता है। हालांकि इस श्रेणी के तहत मां-बाप के ग्रुप ए में सरकारी नौकरी करने वालों को क्रीमी लेयर में माना जाता है और ओबीसी कोटे का लाभ नहीं मिलता। लेकिन आईआईएम से निकाले गए बच्चों के अभिभावक ग्रुप बी में नौकरी करते हैं। इसलिए ओबीसी का लाभ दिया जाना चाहिए। आईआईएम में उन्हें पहले तो दाखिला दे दिया, लेकिन अब फाइनल वेरिफिकेशन में उन्हें बाहर कर दिया।