Bahadurgarh: इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी हत्याकांड में तीन और नेताओं के नाम सामने आए हैं। एक भाजपा से तो दो कांग्रेस से हैं। परिजनों की ओर से कांग्रेस नेता बिजेंद्र राठी, संदीप राठी और नगर परिषद के वाइस चेयरमैन एवं भाजपा नेता राजपाल शर्मा के नाम पुलिस को दिए गए हैं। इन पर भी साजिश में शामिल होने का शक जताया गया है। वहीं, परिजनों ने सीधे तौर पर कहा कि उनकी किसी भी गैंगस्टर से कोई दुश्मनी नहीं है। मामला कांट्रेक्ट किलिंग का है और एफआईआर में शामिल आरोपियों में से कोई इसके पीछे हो सकता है। प्रशासन की ओर से नफे सिंह राठी के परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। लगभग आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को इस काम में लगाया गया है।

इन नेताओं पर हत्या मामले में दर्ज किया था केस

बता दें कि इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी हत्याकांड में शिकायत के आधार पर पुलिस ने भाजपा के पूर्व विधायक नरेश कौशिक, पूर्व मंत्री मांगेराम के बेटे सतीश नंबरदार, पोते गौरव राठी, राहुल, नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष कर्मवीर राठी, मौजूदा अध्यक्ष के पति रमेश व देवर कमल राठी पर नामजद तथा पांच अज्ञात हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन अब इस मामले में भाजपा व कांग्रेस के तीन और नेताओं के नाम दिए गए हैं। इनमें कांग्रेस नेता बिजेंद्र राठी, संदीप राठी तथा भाजपा नेता एवं नप वाइस चेयरमैन राजपाल का जिक्र है।

हमारा किसी गैंगस्टर से नहीं कोई विवाद

नफे सिंह राठी के पुत्र जितेंद्र राठी ने हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई का नाम उछालने पर कहा कि उनका न तो किसी गैंग से किसी तरह का कोई झगड़ा है और न ही कोई लेनदेन है। यह मामला कांट्रेक्ट किलिंग का है और जिन लोगों के नाम एफआईआर में शामिल करवाए गए हैं, उन्हीं में से किसी का कांट्रेक्ट किलर्स के साथ पैसे का लेनदेन जरूर हुआ होगा। उनका कर्मवीर राठी, उनके बेटे कमल राठी और नगर परिषद की मौजूदा चेयरपर्सन सरोज राठी के पति रमेश राठी के साथ प्रॉपर्टी विवाद चल रहा था। उन्होंने नफे सिंह राठी के प्लॉट पर कब्जा किया था। वह हमारे ऊपर प्लाट छोड़ने का दबाव बना रहे थे। पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के परिवार पर भी जितेंद्र राठी ने निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व मंत्री मांगेराम के पोते गौरव राठी और बेटे सतीश राठी के साथ-साथ नगर परिषद की मौजूदा चेयरपर्सन के पति रमेश राठी ने यूपी में नफे सिंह राठी पर झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था। उनका कहना है कि झूठे मुकदमों के खिलाफ आज हाई कोर्ट में नफे सिंह को साक्ष्य पेश करने थे। लेकिन उससे पहले ही उनकी हत्या हो गई।