Narnaul: रेवाड़ी जिला के माजरा में एम्स शिलान्यास के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारनौल क्षेत्र के लोग, खासकर रेलयात्रियों को बड़ा तोहफा दिया। अब रेवाड़ी से नारनौल के बीच जो रेलवे ट्रेक सिंगल था, उसका दोहरीकरण किया जाएगा। इससे रेलगाड़ी के क्रासिंग की समस्या हल हो सकेगी तथा ट्रेन बिना रोके एक-दूसरे को क्रॉस कर सकेंगी। नारनौल से रेवाड़ी तक के करीब 51.85 किलोमीटर में दोहरीकरण पर लगभग 665 करोड़

रुपए खर्च होंगे। सैनिक बाहुल्य क्षेत्र के यात्रियों को मिलेगा लाभ 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स का शिलान्यास करते समय अन्य कई परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास किए, जिनमें से एक नारनौल-रेवाड़ी के बीच रेलवे लाइनों के दोहरीकरण का प्रोजेक्ट भी शामिल है। सैनिक बाहुल्य इस क्षेत्र के सैनिक ही नहीं, अन्य लोग भी रेल यात्रा को खूब पसंद करते हैं। यही वजह है कि रेलवे के जरिए इनका आवागमन भी खूब होता है। अब तक डीएफएससी की ही डबल लाइनें थी, लेकिन सवारी रेल गाड़ियों का ट्रेक सिंगल ही बना हुआ है। यह सिंगल ट्रेक रेवाड़ी से लेकर फुलेरा तक बना हुआ है, जिसकी लगभग 215 किलोमीटर दूरी है। इसी सिंगल ट्रेक को केंद्र सरकार ने डबल करने की योजना बनाई हुई है, जिसे किस्तों में तैयार किया जाएगा।

दो फेज में चलेगा ट्रेक निर्माण 

रेवाड़ी और राजस्थान के अलवर जिलों को जोड़ने वाले रेवाड़ी-काठूवास रेल खंड का दोहरीकरण किया जाना है। रेवाड़ी-रींगस-फुलेरा रेलमार्ग पर आने वाले इस रेल खंड पर अभी तक एक ही रेल लाइन है, जिसकी वजह से इस व्यस्त रेल मार्ग पर ट्रेनों के परिचालन में परेशानी होती है। इस रेल खंड के दोहरीकरण से ट्रेनों के परिचालन में सुगमता आएगी और ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी। रेवाड़ी से काठूवास के बीच की दूरी लगभग 27.73 किलोमीटर है तथा इस हिस्से के निर्माण के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में 352 करोड़ रुपए मंजूर किए हुए हैं। इसके पश्चात काठूवास-नारनौल ट्रेक का दोहरीकरण किया जाएगा। काठूवास एवं नारनौल के बीच की दूरी लगभग 24.12 किलोमीटर है और सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में इसके लिए 313 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया हुआ है। इस दोनों रेल खंडों का निर्माण किस्तों में किया जाएगा।

दोहरीकरण से होगा फायदा 

जब नारनौल से रेवाड़ी तक की रेल लाइन का दोहरीकरण हो जाएगा तो इससे रेलवे एवं यात्रियों को ही बड़ा फायदा होगा। दोहरीकरण से गाड़ियों की औसत गति में न केवल बढ़ोतरी होगी, बल्कि और अधिक रेल सेवाओं का संचालन भी संभव हो सकेगा। फुलेरा-रेवाड़ी के इस वैकल्पिक मार्ग से उत्तर भारत की ओर सीमेंट एवं खाद्यान्न की ढुलाई बढ़ेगी और व्यापारियों को भी इसका फायदा मिल सकेगा।

दिल्ली जाने वाले को भी होगा फायदा 

इस रेल मार्ग के दोहरीकरण से न केवल रेवाड़ी, बल्कि दिल्ली आना-जाना और भी सुगम हो जाएगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ट्रेनों के आवागमन में भी सरलता एवं सुगमता आएगी। नारनौल क्षेत्र से हजारों लोग प्रतिदिन दिल्ली-गुरुग्राम की तरफ आते-जाते हैं, जिन्हें इस रेल लाइन के दोहरीकरण का जरूर लाभ मिलेगा।

फुलेरा लाइन का रहेगा इंतजार 

बेशक देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी-नारनौल के बीच दोहरीकरण का शिलान्यास कर दिया, लेकिन अब भी नारनौल से फुलेरा तक का रेल ट्रेक सिंगल ही बना हुआ है। हालांकि दो लाइनें और हैं, लेकिन उन लाइनों पर मालगाड़ियां चलती हैं तथा उसे डीएफसी लाइनें कहते हैं। इन डीएफसी लाइनों की भांति ही रेलयात्रियों की गाड़ियों के लिए भी दोहरीकरण रेवाड़ी से फुलेरा तक करने की आवश्यकता है। हालांकि यह प्रोजेक्ट भी सरकार के पाइप लाइन में है, लेकिन अब तक इसका बजट फाइनल नहीं हो सका है, जिस कारण इसके दोहरीकरण में अभी और समय लगेगा।

इन लाइनों का भी होगा दोहरीकरण 

रेवाड़ी-काठूवास एवं काठूवास-नारनौल के अलावा भिवानी-डोभ भाली और मानहेरू-बवानी खेड़ा रेलखंडो का भी दोहरीकरण किया जाएगा। पीएम ने रेवाड़ी-काठूवास-नारनौल रेल खंडों का दोहरीकरण का शिलान्यास करते वक्त इन स्टेशनों के दोहरीकरण का भी शिलान्यास किया है।