Nhu: मेवात के बूराका बाइपास स्थित तस्लीमा क्लीनिक पर बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसडीएम के नेतृत्व में छापेमारी की। डीसी के आदेश पर छापे की कार्रवाई की गई। छापेमारी के दौरान क्लीनिक संचालिका ने छत के रास्ते से फरार होने का प्रयास किया, परंतु टीम की सजगता से सफलता नहीं मिली। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहले एसडीएम की मौजूदगी में दस्तावेजों की जांच की तथा फिर दस्तावेजों को कब्जे में लेकर क्लीनिक को सील कर दिया। इससे पहले भी क्लीनिक पर कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद क्लीनिक का नाम बदल दिया गया था।

 

नहीं दे पाई संतोषजनक जवाब छापेमारी के दौरान क्लीनिक संचालिका स्वास्थ्य विभाग की टीम के सवालों का कोई;संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। टीम ने सबसे पहले क्लीनिक से दवाइयां उपकरण>और दस्तावेजों को जब्त >किया। क्लीनिक संचालिका से चिकित्सय डिग्रियां केंद्र एनओसी को लेकर पूछताछ की तो प्रभावशाली लोगों से टीम की बात करवाने का भी प्रयास हुआ। शिकायतकर्ता को भी मौके पर बुलाया टीम ने छापेमारी के दौरान शिकायतकर्ता आकिब को मौके पर बुलाया। आकिब ने बताया कि उसकी चार माह की गर्भवती पत्नी को पेट दर्द की शिकायत हुई। उसे उपचार के लिए क्लीनिक लेकर आए। जहां क्लीनिक संचालिका ने उपचार कर उसकी पत्नी को दवाई दी। जिससे उसकी आंखों की रोशनी चली गई। स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों से सांठगांठ के चलते सीएम विंडों पर की गई उसकी शिकायत का खारिज कर दिया गया था। ग्रीवांस में शिकायत रखने पर कार्रवाई सीएम विंडो पर दी शिकायत खारिज होने के बाद आकिब ने अपनी शिकायत जिला परिवेदना समिति में लगाई। बैठक के दौरान पंचायत मंत्री ने डीसी को मामले की जांच करवाने के निर्देश दिए। डीसी ने एसडीएम की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम बनाई तथा टीम ने बृहस्पतिवार को क्लीनिक पर छापा मारा तथा क्लीनिक को सील कर दिया।

 

गर्भपात करने की भी शिकायतें तावडूं सीएचसी के एसएमओ डॉ. देवेंद्र सोलंकी ने बताया कि क्लीनिक के खिलाफ कई बार शिकायतें मिली हैं। संचालिका>के पास कोई डिग्री>नहीं मिली। बेसमेंट में अवैध रूप से केमिस्ट की दुकान चल रही थी। क्लीनिक को डिलीवरी की अनुमति नहीं है, परंतु क्लीनिक में प्रसव करवाने के सबूत मिले हैं। केस दर्ज हुआ तो बदल दिया था नाम सूत्रों की माने तो बूराका-पचगांव के क्लीनिक में स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड एक बड़े अधिकारी की हिस्सेदारी बताई जा रही है। क्लीनिक पर पहले भी गलत उपचार, लिंग जांच व गर्भपात के साथ बच्चों की तस्करी के गंभीर आरोप लग चुके हैं। जिसमें जांच के बाद शहर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद संचालिका ने नए नाम के साथ फिर से काम शुरू कर दिया।