Haryana Farmers News: हरियाणा में गेहूं का फसल का नुकसान होने के बाद किसानों को एक और बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक, उन किसानों को फसलों का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, जिनमें बिजली शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिजली के शार्ट सर्किट से जलने वाली फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दायरे में नहीं आती है। बता दें कि अभी तक प्रदेश के 15 जिलों में 814 एकड़ में लहराती खड़ी फसल आग लगने की वजह से बर्बाद हो चुकी हैं। इसके चलते 300 से ज्यादा किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
शॉर्ट सर्किट के चलते हुए ज्यादा हादसा
गर्मी के महीनों में अक्सर फसलों में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। कृषि विभाग के मुताबिक, इस साल प्रदेश में ज्यादातर किसानों की फसल में आग लगने की बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट रही है, जो उनके खेतों से होकर गुजरने वाली बिजली की लाइनों से वजह से हुआ है। किसानों को इस नुकसान के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है, हालांकि अभी तक सरकार की ओर से किसी तरह के पैकेज या राशि का ऐलान नहीं किया गया है। बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिया था कि आग की घटनाओं से किसानों के नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए।
सिरसा जिले में किसानों को ज्यादा नुकसान
बता दें कि गेहूं की फसलों में लगने वाली आग की घटनाओं से 15 जिलों के किसान प्रभावित हुए हैं। इसमें सिरसा जिले के 57 किसान को भारी नुकसान हुआ, जहां पर 266.28 एकड़ गेहूं की फसल आग लगने की वजह से बर्बाद हो गई। वहीं, कैथल में 146.3 एकड़ फसल जलकर राख हो गई, जिससे जिले के 61 किसानों को क्षति हुई। इसके अलावा फतेहाबाद जिले में 31 किसान प्रभावित हुए, जहां पर 83.3 एकड़ जमीन की फसल जलकर नष्ट हो गई। कुरुक्षेत्र में 34 किसानों को काफी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा, जहां पर 57 एकड़ की फसल आग की घटनाओं में जलकर बर्बाद हो गई।
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