Nuh: तावडू सदर थाने के अंतर्गत एक गांव में मार्च 2019 में नाबालिग का अपहरण कर गैंगरेप किया गया। मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ अदालत में केस चला, जिसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न भरने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
घर से नाबालिग का किया गया था अपहरण
अभियोजक आकाश तंवर ने बताया कि मार्च 2019 में तावडू उपमंडल के एक गांव में घर से 15 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण किया गया। अपहरण करने के बाद आरोपियों ने नाबालिग के साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करते हुए तीन आरोपी बनाए, जिनमें मुख्य रूप से अंसार, शाहरुख उर्फ मूसा और शहजाद शामिल रहे। मामले में गिरफ्तार हुए शहजाद को कोर्ट ने बरी कर दिया, जबकि शाहरुख की गिरफ्तारी नहीं हुई तो कोर्ट के आदेश पर उसे भगोड़ा घोषित किया गया। कुछ दिन बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई तो गैंगरेप मामले में पूछताछ की गई। पुलिस ने घटनास्थल की निशानदेही कराते हुए विभिन्न प्रकार से साक्ष्य जुटाना शुरू किया।
करीब साढ़े 4 साल सुनाई के बाद पीड़िता को मिला न्याय
विशेष अभियोजक आकाश ने बताया कि पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले में करीब साढ़े चार साल तक लंबी सुनवाई हुई। इस दौरान सभी प्रकार के जरूरी साक्ष्य जुटाए गए, जिनके आधार पर विशेष अदालत में मजबूती से पैरवी हुई। बीते शुक्रवार को फास्ट्रेक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी शाहरुख उर्फ मूसा को दोषी करार दिया। अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए दोषी को 20 साल की सजा व 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। बता दें कि इसी मामले में आरोपी अंसार को अदालत ने बीते साल अक्टूबर माह में दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शाहरुख की अलग से सुनवाई चल रही थी।