Nuh: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में एक अपचारी बालक को दोषी ठहराते हुए बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस फैसले में खास बात यह रही कि केस की सुनवाई के दौरान मुख्य गवाह अपने बयानों से पलट गए थे, लेकिन अदालत ने पुलिस के सहयोग से जुटाए गए वैज्ञानिक प्रमाणों को मुख्य सबूत मान लिया, जिनके आधार पर नाबालिग से दुष्कर्म की पुष्टि हो गई और दोषी को सजा दी गई।

2018 में नाबालिग के साथ हुआ था दुष्कर्म

नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला 2018 का है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत के विशेष अभियोजक आकाश तंवर ने बताया कि 2018 में पिनांगवा थाने के अंतर्गत एक गांव में नाबालिग को बंधक बनाकर जबरन दुष्कर्म किया गया। शिकायत के मुताबिक रात के समय नाबालिग अपने परिजनों के साथ पानी लेने के लिए घर से बाहर आई थी। उसी दौरान अगवा कर कुछ ही दूरी पर बनी एक झोपड़ी में ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया गया। इस दौरान पीड़िता बेहोश हो गई। नाबालिग लड़की के देर तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन खोजबीन करने बाहर निकल आए तो वह बेहोशी की हालत में मिली। महिला थाना पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर तीन आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज किया। मुख्य आरोपी अपचारी बालक की गिरफ्तारी के साथ-साथ पीड़िता के बयान दर्ज किए गए। नियम अनुसार दोनों का मेडिकल भी कराया गया।

पुलिस जांच में 2 आरोपी मिले थे निर्दोष

विशेष अभियोजक ने बताया कि पुलिस की जांच में दो आरोपियों को निर्दोष पाया गया, जबकि वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी की उम्र वारदात के दौरान 16 से 17 वर्ष के बीच में थी। किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर आरोपी अपचारी बालक को बालिक मानते हुए अदालत में सुनवाई हुई। इस केस से जुड़ी खास बात यह रही कि सुनवाई के दौरान अदालत में सभी गवाह बयानों से पलट गए। लेकिन पुलिस के सहयोग से शुरुआत में ही जुटाए गए सभी सबूतों के आधार पर मजबूती से पैरवी की गई। इसके अलावा वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर नाबालिग से दुष्कर्म की पुष्टि हो गई, जिन्हें अदालत ने मुख्य सबूत मानते हुए आरोपी अपचारी बालक को दोषी करार दिया।

महिला का यौन शोषण करने के जुर्म में दोषी को 10 वर्ष का कारावास

जींद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमरजीत सिंह की अदालत ने महिला का अपहरण कर बंधक बनाने, यौन शोषण करने तथा गर्भपात करवाने, मारपीट करने के जुर्म में दोषी को दस साल का कारावास तथा साढे़ 21 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने की सूरत मे दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।