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हरियाणा के करनाल में दो मांगों को लेकर वर्षों से लड़ाई लड़ रही अस्पतालों की रीढ़ नर्सिंग ऑफिसर्स रविवार को प्रदेशभर से सीएम सिटी करनाल पहुंची और सीएम आवास का घेराव किया। सीएम के ओएसडी ने मांगों का ज्ञापन लेकर आश्वासन दिया।

Karnal: दो मांगों को लेकर वर्षों से लड़ाई लड़ रही अस्पतालों की रीढ़ नर्सिंग ऑफिसर्स रविवार को प्रदेशभर से सीएम सिटी करनाल पहुंची। करनाल की सड़कों पर प्रदर्शन, नारेबाजी करती हुई वे सीएम आवास पहुंची। उन्होंने सीएम आवास पर जमकर नारेबाजी की। अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पुरजोर आवाज उठाई। ऑल नर्सिंग ऑफिसर वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के बैनर तले जांबाज नर्सिंग ऑफिसर्स ने यह घेराव किया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों से सीएम के ओएसडी ने मुलाकात की। उन्होंने सीएम के समक्ष उनकी मांग रखने का आश्वासन दिया।

नर्सिंग ऑफिसर्स का घेराव रहा चर्चा का विषय

प्रदेश के कोने-कोने से पहुंची नर्सिंग ऑफिसर्स की एकजुटता से करनाल की धरती से पूरे प्रदेश में नर्सिंग ऑफिसर्स का यह घेराव चर्चाओं में रहा। उनकी आवाज बुलंद हुई। सोशल मीडिया के दौर में राह चलते लोगों ने भी इस प्रदर्शन की वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर सांझा की। एसोसिएशन की चेयरपर्सन निर्मल ढांडा, प्रदेश अध्यक्ष सुनीता ने कहा कि उनकी दो प्रमुख मांगे हैं। पहली तो केंद्र सरकार के समान नर्सिंग अलाउंस 7200 रुपए किया जाए। दूसरी उन्हें ग्रुप-सी से ग्रुप-बी में शामिल किया जाए। वर्षों से वे इन मांगों को उठा रही हैं, लेकिन इस पर सरकार ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया। मरीजों और अस्पतालों के हित में नर्सिंग ऑफिसर्स हमेशा अपने काम को ही महत्व देती हैं। सरकार ने नर्सिंग ऑफिसर्स को बड़े आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है।

सीएम से मिलने का जब तक नहीं मिलेगा समय, करते रहेंगे प्रदर्शन

नर्सिंग ऑफिसर की चेयरपर्सन निर्मल ढांडा ने बताया कि घेराव प्रदर्शन के दौरान एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री के ओएसडी ने बुलाया था। ज्ञापन लेकर थोड़ा इंतजार करने को कहा। उसके बाद उनसे बात तक नहीं की। जब तक सीएम से मिलने का समय नहीं मिल जाता, उनका यह धरना-प्रदर्शन यहीं पर जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से नाराजगी भरे लहजे में कहा कि जब भी सरकार के किसी नुमाइंदे से एसोसिएशन मिली है तो झूठे आश्वासन देकर टाल दिया गया। सरकार ने अगर उनकी मांगों को चुनाव से पहले पूरा नहीं किया तो चुनाव के नतीजे भी कुछ और ही होंगे। उन्हें सरकार की तरफ से मांगें मानने की घोषणा नहीं, उनका नोटिफिकेशन चाहिए। सरकार अन्य विभागों के कर्मचारियों की मांग पूरी कर रही है तो नर्सिंग ऑफिसर्स के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है।

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