पानीपत। आंटा निवासी रिंकू की पिता छह साल पहले उसके पिता की मौत के गांव रिंकू गांव से चला गया। फिर उसकी पत्नी भी उसका साथ छोड़कर चली गई। रिंकू एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था तथा उसकी वहां से नौकरी चली गई। पिता की मौत और पत्नी के साथ छोड़ने के बाद नौकरी छूटने पर रिंकू आपा खो बैठा। जिसके बाद वह दो साल से घर नहीं आया। होली पर घर आया तो उसने पानीपत के समालखा की पंचवटी कॉलोनी में घर से बाहर घूम रहे अपने शिक्षक चाचा वीरेंद्र कुमार को गोली मार दी। गोली लगने से घायल वीरेंद्र को पहले पानीपत के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से उसे दिल्ली रेफर कर दिया। दिल्ली में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। रिंकू इससे पहले भी अपने शिक्षक चाचा पर गोली चलाई थी, परंतु उस समय वह बच गया था।
खोजकीपुर स्कूल में कार्यरत थे वीरेंद्र
गांव आंटा निवासी वीरेंद्र कुमार गांव खोजकीपुर स्कूल में कार्यरत थे तथा पानीपत की पंचवटी कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। बेटे अंकुश ने बताया कि उसके पिता होली की शाम घूमने के लिए घर से बाहर निकले थे। उसी दौरान ताऊ के बेटे रिंकू ने उसके पेट में गोली मार दी। समालखा पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
अभी कारणों का पता नहीं
भतीजा रिंकू अपने अध्यापक चाचा वीरेंद्र कुमार पर पहले भी फायरिंग कर चुका है। रिंकू की अपने शिक्षक चाचा व उसके परिवार से क्या रंजिश है तथा वह क्यों अपने चाचा की जान लेना चाहता था। इसका खुलासा तो रिंकू के पुलिस गिरफ्त में आने व जांच के बाद ही हो पाएगा। सूत्रों का कहना है कि पहले पिता को खोया, फिर पत्नी साथ छोड़ गई और नौकरी भी चली गई। जिससे रिंकू खुद को असफल मानता था तथा इसकी कुंठा के चलते वह अपने शिक्षक चाचा से रंजिश रखता था। पहले हमले में चाचा बच गया था परंतु होली के दिन चाचा उसके निशाने पर आ गया।
आरोपी जल्द होगा गिरफ्तार
समालखा थाना प्रभारी फूलकुमार बताया कि सोमवार को गोली चलने जानकारी मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लोगों से वारदात के बारे में पूछताछ की है। आरोपी पर केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द उसे पकड़ लिया जाएगा। पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है