हिसार। गांव सातरोड कलां में प्रशासन द्वारा मकान तोड़ने के बाद बेघर हुए परिवारों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। इन परिवारों ने उपायुक्त से मिलकर मांग उठाई है कि उन्हें सरकार की योजना के तहत 100-100 गज के प्लॉट देकर मकान बनाकर दिए जाएं। वीरवार को डीसी से मिलने आए बेघर हुए लोगों ने बताया कि जिन मकानों को तोड़कर प्रशासन ने अवैध कब्जे हटाए हैं। 

1984 से रह रहे घर बनाकर

उनमें दलित व ब्राह्मण समाज सहित ऐसे गरीब परिवार थे, जिनका जीवनयापन  बड़ी मुश्किल से हो रहा है। इन गरीबों ने ये मकान अब नहीं बनाए बल्कि वर्ष 1984 से लेकर 1989 के समय में ये मकान बनाकर रहने लगे थे। अब प्रशासन ने कब्जे हटाने के नाम पर इनके मकान तोड़े हैं क्योेंकि इस जगह का कब्जा अन्य लोगों को दिया जाना है। ऐसे में प्रशासन से वे यही मांग करते हैं कि उन्हें •ाी सरकार की योजना के अनुसार मकान बनाकर दिए जाएं।

दो दिन का समय, खुद खाली करे ग्रामीण

मिलने आए ग्रामीणों को उपायुक्त ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट के निर्देशानुसार ये कब्जे हटाए जा रहे हैं। प्रशासन ने बुधवार को कुछ अवैध कब्जे हटाए हैं और इन ग्रामीणों की मांग पर उन्हें दो दिन में खुद जगह खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि इसके बाद भी उन्होंने जगह खाली नहीं की तो प्रशासन कब्जा हटाएगा। प्लाटों पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू होने से प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से योजना के तहत100-100 गज के प्लाटों पर मकान बनाकर दिए जाने की मांग पर डीसी ने डीडीपीओ से रिपोर्ट मांगी है। 

यह है मामला

बता दें कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में वर्ष 2011 में गांव सातरोड़ कलां में पंचायत की जमीन पर महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 123 लाभ पात्रों को 100-100 गज के प्लाट आवंटित किए गए थे। जिन लोगों को प्लाट आवंटित किए गए थे, उन पर अन्य लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था। लाभ्पपात्र परिवारों को कब्जा नहीं मिल रहा था। लाभार्थियों के नाम रजिस्ट्री तो हो गई मगर मौके पर कब्जा किसी और का था। स्थानीय लोग अदालत में चले गए। याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने अवैध निर्माणों को हटाकर प्लाटों पर लाभपात्रों को कब्जा दिलाने के आदेश दिए हैं। प्रशासन द्वारा मंगलवार को 11 तथा बुधवार को 15 अवैध निर्माणभी ढहा दिए थे।