मोहन भारद्वाज, रोहतक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को माजरा में बनने जा रहे एम्स की आधारशिला रखने के लिए रेवाड़ी में रैली करेंगे। 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री का फेस बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी की धरती पर पूर्व सैनिक रैली को संबोधित कर राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा था। 2024 का शंखनाद होने से पहले नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर एक साथ हरियाणा व राजस्थान के मतदाताओं को साधने के लिए रेवाड़ी का चुना है। 2019 के विधानसभा चुनावों के अंतिम दौर में भी मोदी ने रेवाड़ी में चुनावी सभा की थी। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एम्स शिलान्यास के बहाने रेवाड़ी में एक बार फिर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम फाइनल होते ही केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अगुवाई में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता प्रधानमंत्री की रैली की तैयारियों में जुट गए हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव में भी दिखा था मोदी फैक्टर
2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास का टिकट काटकर राव इंद्रजीत सिंह समर्थक नए चेहरे सुनील मूसेपुर पर दांव खेला था। जिसका भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। जिसे देखते हुए सुनील मूसपुर की जीत के लिए स्वयं राव इंद्रजीत सिंह व आरती राव ने रेवाड़ी में डेरा डाल दिया था। फिर भी अंतिम समय तक सुनील मूसपुर के पक्ष में चुनावी माहौल नहीं बनता देख पार्टी ने चुनाव के अंतिम दौर में आनन फानन में रेवाड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली करवाई। मोदी के आगमन के बाद भी भाजपा रेवाड़ी की सीट तो नहीं जीत पाई, परंतु इससे चुनावी दौड़ में अंतिम पायदान पर खड़े सुनील मूसपुर मामूली अंतर से हारकर दूसरे स्थान पर पहुंचने में सफल रहे थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मनोहर सरकार के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह का बादशाहपुर व विधानसभा उपाध्यक्ष संतोष यादव का अटेली से टिकट काट दिया था। चेहरे बदलने के बाद दक्षिणी हरियाणा की तीन सीटों में से भाजपा केवल अटेली की सीट ही बचाने में सफल रही थी। हाल में घोषित नई कार्यकारिणी में भाजपा ने टिकट कटने के बाद राजनीतिक अज्ञातवास में गए दक्षिणी हरियाणा में राव इंद्रजीत सिंह के बाद दूसरे सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के साथ दूसरे नेताओं को फिर से एक्टिव कर दिया है।
2015 में घोषणा, 2019 में स्वीकृति और 2024 में शिलान्यास
हरियाणा में रेवाड़ी के मनेठी माजरा में बनने वाले एम्स का शुरू से ही विवादों से नाता रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2015 की बावल रैली में एम्स की घोषणा की थी। घोषणा के चार साल बाद 2019 में केंद्र ने न केवल इसे अपनी स्वीकृति दी, बल्कि 900 करोड़ से अधिक का बजट भी अलाट किया। जिसके बाद एम्स के लिए दी मनेठी की पंचायती जमीन पर वन विभाग ने अरावली क्षेत्र की बताते हुए अपना दावा ठोककर नया पेंच फंसा दिया। लंबी जद्दोजहद के बाद प्रदेश सरकार ने जमीन खरीदकर एम्स को देने का निर्णय लिया तो अधिक मुआवजे की मांग बाधा बन गई। जैसे तैसे समझौते की गाड़ी पटरी पर लौटने लगी तो माजरा के कुछ किसानों ने पोर्टल पर अपनी जमीन अपलोड नहीं की तथा 2023 के अंतिम क्वाटर तक अधिग्रहण को लेकर कोई न कोई विवाद सामने आता रहा जमीन जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को ट्रांसफर होने के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से पीएमओ ने 16 फरवरी का दिन शिलान्यास के लिए निर्धारित कर दिया।
एम्स में मेडिकल कॉलेज, सुपरस्पेशलिटी अस्पताल व नर्सिंग कॉलेज भी होगा
रेवाड़ी के माजरा गांव की 210 एकड़ जमीन पर देश का 22वां एम्स बनेगा। जिससे दक्षिणी हरियाणा के साथ राजस्थान के लोगों को भी फायदा होगा। करीब 1300 करोड़ की लागत से बनने वाले एम्स में 750 बेड का अस्पताल, एमबीबीएस की 100 सीट का मेडिकल कॉलेज, 25 सुपर स्पेशलिटी ओपीडी व नर्सिंग कॉलेज की भी सुविधा मिलेगी। विवादों के चलते निर्माण में देरी के कारण पांच साल में एम्स का अनुमानित बजट करीब 400 करोड़ रुपये बढ़ गया है। प्रदेश सरकार जमीन अधिग्रहण पर खर्च की गई राशि केंद्र के बजट से अलग है।