इस कमाल की योजना से जल्दी मिलेगा न्याय : कोर्ट में बिना जाए ऑनलाइन गवाही दे सकेंगे पुलिस कर्मचारी, इतना समय बचेगा

यमुनानगर। पुलिस कर्मचारियों की एक बड़ी शिकायत यह रहती है कि उनका ज्यादा समय कोर्ट में गवाही देने में ही निकल जाता है। इस वजह से केसों को सुलझाने के लिए कम समय मिलता है। अब उनकी इस समस्या को दूर करते हुए ऑनलाइन गवाही का सिस्टम बना दिया गया है। इसके लिए हरियाणा के थानों में भी इंतजाम किए गए हैं।
नए बीएनएस कानून में किया है प्रावधान
जिला सचिवालय में पुलिस अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक राजीव देशवाल ने की। उन्होंने बैठक में पुलिस अधिकारियों को अदालत में बिना उपस्थित हुए ऑनलाइन गवाही देने की प्रक्रिया के बारे में समझाया। पुलिस अधीक्षक राजीव देशवाल ने पुलिस अधिकारियों को समझाया कि देश में एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं। नए कानूनों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में यह व्यवस्था भी की गई है कि न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी गवाही हो सकेगी। जिससे गवाह बिना कोर्ट में उपस्थित हुए डिजिटल माध्यम से गवाही दे सकता है। जिला पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में भी इसे लागू किया जा रहा है।
थानों में तैयार किए जा रहे रिमोट प्वाइंट रूम
पुलिस अधीक्षक राजीव देशवाल ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि इस नई व्यवस्था से पुलिसकर्मियों को गवाही के लिए न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जिससे उनका समय बचेगा और वह अपनी अन्य जिम्मेंदारियों पर भी अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गवाही के लिए जिला के सभी थानों में रिमोट प्वाइंट रूम तैयार किए गए हैं। इसमें टीवी स्क्रीन, स्पीकर, माइक, कैमरा, टेबल और कुर्सी आदि की व्यवस्था की गई है। पुलिसकर्मी अब रिमोट प्वाइंट रूम में बैठकर अपनी गवाही डिजिटल तरिके से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कदम खासतौर पर उन पुलिसकर्मियों के लिए राहत प्रदान करेगा, जो अक्सर न्यायालय में गवाही देने के लिए लंबी दूरी की यात्रा करते हैं और इससे उनके कामकाजी घंटे प्रभावित होते हैं। बैठक में थानों के मुंशी व नायब कोर्ट सदस्य आदि मौजूद रहे।
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