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हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान और एकाएक आचार संहिता की तलवार लटक जाने से ग्रामीण विकास के लिए भेजे जाने वाले करोड़ों रुपए अटक गए हैं। वहीं कुछ अर्सा पहले ही मंत्री पद से नवाजे मंत्रियों को ग्रांट का जो भी पैसा मिला, उसका उपयोग होने से पहले ही आचार संहिता की तलवार लटक गई।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान और एकाएक आचार संहिता की तलवार लटक जाने को लेकर इस बार सियासी दिग्गज मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे। अफसरशाही और कर्मियों द्वारा रात दिन काम करने के बावजूद इस बार ग्रामीण विकास के लिए भेजे जाने वाले करोड़ों रुपए अटक गए हैं। वहीं कुछ अर्सा पहले ही मंत्री पद से नवाजे मंत्रियों को ग्रांट का जो भी पैसा मिला, उसका उपयोग होने से पहले ही आचार संहिता की तलवार लटक गई। इसके साथ ही विकास कार्यों का पहिया भी चुनाव का परिणाम आने तक थम गया। इस पैसे का उपयोग अब नई सरकार का गठन होने के बाद ही हो सकेगा।

400 करोड़ भेजने की तैयारी में थी सरकार

भरोसेमंद उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सूबे की नायब सैनी सरकार राज्य की पंचायतों और सरपंचों को ग्रामीण विकास के लिए लगभग 400 करोड़ की राशि भेजने की तैयारी में थी। जिसके लिए विधिवत वित्त विभाग के अफसरों ने होमवर्क भी कर लिया था, लेकिन 16 अगस्त की सुबह जैसे ही हरियाणा में आचार संहिता लग जाने की आशंका हुई, वैसे ही सीएमओ (मुख्यमंत्री आफिस) की ओर से उसी दिन सुबह से लेकर दोपहर बाद तक लगभग 120 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई। इसके पहले ही पूरी राशि जाती, आचार संहिता की तलवार लटक गई।

ग्राम पंचायतों के खातों में भेजी राशि

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद हर पंचायत को बीस-बीस लाख की राशि देनी थी अर्थात अगर किसी पंचायत के खाते में दस लाख पहले हैं, तो दस और राशि डाली गई। किसी के खाते में पांच हैं, तो पंद्रह लाख की राशि विकास के लिए दी गई थी। प्रदेश के मंत्रियों द्वारा पीड़ा जाहिर की गई है कि इतनी जल्दी आचार संहिता लग जाने का उन्हें आभास नहीं था। इस कारण से उन्हें मिलने वाली ग्रांट का उपयोग भी नहीं हो सकेगा। कई मंत्रियों को इसकी बेहद चिंता सता रही है।

मंत्रियों को दी ग्रांट का पैसा अटका

सूबे के मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों को पांच करोड़ की राशि और राज्य मंत्रियों को लगभग चार करोड़ की राशि देने का ऐलान किया था। हाल ही में गठित मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों को पैसा भी आवंटित हुआ, लेकिन जब तक संभल पाते, विस के चुनाव आ गए व ग्रांट के उपयोग से पहले ही मामला अधर में लटक गया। अब करोड़ों की राशि का उपयोग अगली गठित होने वाली सरकार ही उपयोग कर सकेगी। वैसे, राज्य की नायब सैनी सरकार में मुख्यमंत्री सहित चौदह मंत्री हैं, अब मंत्रियों की ग्रांट के पैसे का आंचार संहिता लागू होने के कारण उपयोग नहीं हो सकेगा।

कई बंगलों में काम जारी

वैसे, नए मंत्रियों में कई की कोठियों में अभी तक काम भी पूरा नहीं हो सका है, जिनमें कामकाज चल रहा है, अब आचार संहिता लग जाने के कारण कामकाज वैसे भी मंद पड़ गया है। दूसरा नेतागण अपने अपने चुनाव में व्यस्त हो जाएंगे। आने वाले समय में क्या होगा? कौन जीतेगा और कौन हारेगा, यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। बहरहाल, सभी की नजरें आने वाले समय में होने वाले चुनावों की हार जीत पर टिकी रहेगी अर्थात तैयार होने वाली कोठियों का उपयोग कौन करेगा, यह चुनाव परिणाम ही बताएगा।

चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, उन्हें जल्दी आचार संहिता लग जाने का आभास नहीं था। सभी वर्गों को सौगात देने और प्रदेश के हर नागरिक के कल्याण का संकल्प लेकर पहले ही दिन से काम कर रहे हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने भी गरीबों के कल्याण के लिए अंत्योदय की भावना से काम किया था। सैनी का कहना है कि तीसरी बार भी भाजपा की ही सरकार बनेगी।

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