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जींद को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी यूं ही नहीं कहा जाता। यहां से देवीलाल, बंशीलाल व भूपेंद्र हुड्डा की सफल लॉचिंग हो चुकी है। दिल्ली व पंजाब के बाद हरियाणा में सत्ता पाने का सपना देख रहे अरिवंद कजेरीवाल ने भी जींद को ही चुना है। इसमें कितनी सफलता मिलेगी यह तो 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों के बाद ही पता चल पाएगा। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी व नरेंद्र मोदी भी जींद में रैली कर चुके हैं। 

Political Rally in Jind। जींद का न केवल हरियाणा की राजनीतिक राजधानी व हर्ट ऑफ स्टेट के नाम से जाना जाता है। प्रदेश के पुराने जिलो में शुमार जींद विकास के मामले में भले ही पीछे छूट गया हो, परंतु यहां की राजनीतिक धमक कभी भी फिकी नहीं पड़ी। जींद से होते हुए ही देवीलाल, बंशीलाल व भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश की सत्ता के शिखर तक पहुंचने में कामयाब हुए। अब उसी नक्शे कदम पर चलते हुए अरिवंद कजेरी की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली व पंजाब की सत्ता कब्जाने के बाद हरियाणा में सत्ता पाने के लिए जींद ने 28 जनवरी की रैली के लिए जींद को चुना है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी व नरेंद्र मोदी भी जींद की धरती पर रैली को संबांधित कर चुके हैं।

चुनाव के बाद सामने आएगी तस्वीर

पिछले साल हरियाणा जनसेवक पार्टी के संयोजक एवं महम के विधायक बलराज कुडूं ने जींद में जनसेवा संकल्प रैली की थी। जिसमें अखिलेश यादव भी शामिल हुए थे। ऐसे में देखना होगा कि देवीलाल, बंशीलाल व भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ही तरह जींद अरविंद कजेरीवाल की आप के लिए कितना लक्की साबित होगा। इसकी झलक 2024 के लोकसभा मिल जाएगी, परंतु तस्वीर पूरी तरह से साफ होने के लिए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने तक इंतजार करना पड़ेगा।

रैली से चुनावी बिगुल बजाएगी आप

प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों में यात्रा निकालने के बाद आम आदमी पार्टी 28 जनवरी को जींद में रैली कर हरियाणा में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजाएगी। रैली में आप संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद कजेरीवाल के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल होंगे। जींद रैली को लेकर आप नेता पिछले कई दिनों से बड़े बड़े दावे कर रहे हैं।

एसवाईएल विवाद में विरोधियों के निशाने पर केरजी-मान

1966 में हरियाणा व पंजाब के अलग होने के बाद से दोनों प्रदेशों के बीच एसवाईएल एक बड़ा विवाद बना रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी यह विवाद सुलझ नहीं रहा है। जिसे लेकर अब विरोधियों ने 28 जनवरी को जींद में होने वाली आप की रैली से पहले जींद शहर में पोस्टर लगाकर आप के साथ कजेरीवाल व भगवंत मान को घेरना शुरू कर दिया है। फिलहाल पंजाब में आप की सरकार हैं तथा पंजाब के मुख्यमंत्री कजेरीवाल के साथ जींद में रैली का मंच साझा करने से विरोधियों को आप व केजरीवाल को घेरने का मौका मिल गया है।

प्रदेश के साथ केंद्र की सत्ता में भी दिखी थी देलीलाल की धमक 

जींद में 23 मार्च 1986 को आयोजित किए गए समस्त हरियाणा सम्मेलन प्रदेश की सबसे बड़ी रैली के रूप में दर्ज हुआ था। देवीलाल के मंच पर दिग्गजों की मौजूदगी ने प्रदेश में राजनीतिक तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया था तथा इसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में 90 में 85 सीटें देवीलाल की पार्टी को मिली तथा देवीलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 1989 में देवीलाल ने कांग्रेस को केंद्र की सत्ता से बाहर करने में अहम योगदान दिया तथा देवीलाल देश के उपप्रधान बने।

बंशीलाल व भूपेंद्र हु्डा को भी मिली थी सत्ता

हरियाणा विकास पार्टी का गठन कर चौ. बंशीलाल भी जींद में रैली कर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। कंडेला कांड के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ओमप्रकाश चौटाला को प्रदेश की सत्ता से सत्ता से बाहर करने के लिए अपनी पैदल यात्रा की शुरूआत जींद से ही की। जींद से दिल्ली तक पैदल यात्रा कर सुर्खियों में आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद कांग्रेस नेतृत्व की पंसद बने थे। कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़ा चेहरा रहे भजनलाल को अनदेखा कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम की कुर्सी सौंपी थी।

2024 के चुनावों से पहले दूसरी रैली

2019 के बाद 2024 में होने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले जींद की धरती पर आप आदमी पार्टी की प्रदेश में पहली रैली होगी। आम नेता रैली में लाखों की भीड़ जुटाने का दावा कर रहे हैं। इससे पहले गत वर्ष महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपनी हरियाणा जनसेवक पार्टी की लॉचिंग जींद में रैली करके ही की थी।

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