Haryana: हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रत्याशियों को रिटर्निंग अधिकारी (आरओ), सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) के कार्यालय में अपने साथ अधिकतम 4 लोगों को लाने की अनुमति होगी। साथ ही, आरओ तथा एआरओ कार्यालय की 100 मीटर की परिधि में अधिकतम 3 वाहन लाने की अनुमति होगी। अनुराग अग्रवाल लोकसभा आम चुनावों की तैयारियों के संबंध में अहम बैठक कर रहे थे। बैठक में नामांकन प्रक्रिया, चुनाव चिन्ह आवंटन तथा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के संबंध में आयोग द्वारा जारी हिदायतों की समीक्षा की गई।

चेक व डिमांड ड्राफ्ट से नहीं ली जाएगी डिपोजिट राशि

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा आम चुनावों के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट 25 हजार रुपए होगी। अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह राशि 12,500 रुपए होगी। सिक्योरिटी डिपॉजिट नकद या ट्रेजरी के माध्यम से ही स्वीकार्य होगी। चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से इस राशि को स्वीकार नहीं किया जाएगा। नामांकन प्रक्रिया पर विस्तृत दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि, स्थान, समय, नामांकन पत्रों की जांच, पत्र वापिस लेने की तिथि इत्यादि जानकारी सार्वजनिक करेंगे और सरकारी कार्यालयों में नोटिस भी चस्पा करेंगे। साथ ही, यह भी जानकारी दी जाए कि आरओ के स्थान पर कौन से एआरओ नामांकन पत्र स्वीकार करेंगे।

नामाकंन भरने की करवाई जाएगी वीडियोग्राफी

अनुराग अग्रवाल ने कहा कि नामांकन भरने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी और सभी दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से रखा जाएगा। एक उम्मीदवार अधिकतम 4 नामांकन पत्र भर सकता है तथा 2 लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ सकता है। नामांकन पत्र उम्मीदवार द्वारा या उसके प्रस्तावक द्वारा भरा जा सकता है। नामांकन पत्र डाक द्वारा नहीं भेजा जा सकता, बल्कि आरओ व एआरओ के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से ही प्रस्तुत किया जाएगा।

उम्मीदवार को अपनी जानकारी करनी होगी सार्वजनिक

अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार को अपने आपराधिक रिकॉर्ड, यदि कोई है तो, उसकी जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी। उम्मीदवार को फॉर्म 26 में एफिडेविट के साथ अपने आपराधिक मामले की पूरी जानकारी देनी होगी और राजनीतिक पार्टी को भी इस संबंध में अवगत करवाएगा। राजनीतिक पार्टी द्वारा ऐसे आपराधिक मामले की जानकारी अपनी पार्टी की अधिकारिक वेबसाइट पर डालनी होगी। इतना ही नहीं, नामांकन भरने के उपरांत उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी को समाचार पत्रों तथा टीवी चैनलों में भी कम से कम 3 बार आपराधिक मामले की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।