पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहा शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन अब दोनों राज्यों के विभिन्न जिलों में फैलने लगा है। किसानों ने जहां आज पंजाब में जगह-जगह रेलवे ट्रैक जाम कर दिए हैं, वहीं हिसार में भी किसानों ने धरना प्रदर्शन कर आक्रोश जताया है। किसान नेताओं का कहना है कि हम शांतिपूर्वक तरीके से दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन हमें बलपूर्वक रोका गया। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी। नीचे पढ़िये तमाम अपडेट्स... 

किसान रणजोथ ने दम तोड़ा

शंभू बॉर्डर पर धरने में शामिल किसान रणजोथ सिंह ने 14 दिसंबर को सल्फास निगल लिया था। किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि हरियाणा पुलिस ने दिल्ली कूच रोकने के लिए बल का प्रयोग किया। इससे आहत रणजोथ सिंह ने सल्फास निगल लिया। उसे पटियाला के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां आज उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। 

रणजोथ सिंह के परिजनों को दी जाए आर्थिक मदद 

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रणजोथ की मौत के लिए सरकार और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि रणजोथ सिंह को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। साथ ही, रणजोथ के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की। पंढेर ने कहा कि आज किसान जगह-जगह रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांग नहीं सुनी जाती, तब तक किसान पीछे नहीं हटेंगे। 

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सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर पिछले 10 महीने से बंद है। आज 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में शंभू बॉर्डर खोलने पर सुनवाई होगी। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल की सेहत पर भी सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान केंद्र और पंजाब सरकार को बताना होगी डल्लेवाल की सेहत में सुधार के लिए अब तक उन्हें क्या-क्या मेडिकल सुविधाएं दी गई हैं। 

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