हरियाणा के फतेहाबाद जिले के निवासियों को अपने जिले में रेलवे स्टेशन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। फतेहाबाद जिला मुख्यालय को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए किए गए सर्वे को रेल मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। सिरसा लोकसभा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने यह मुद्दा उठाया था कि फतेहाबाद-अग्रोहा-हिसार रूट को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाए। इस पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सिरसा और हिसार पहले से ही भट्टू कलां के रास्ते से भारतीय रेल नेटवर्क से पूरी तरह से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि हिसार से लेकर फतेहाबाद-अग्रोहा तक सर्वे किया गया था, लेकिन सर्वे में कम ट्रैफिक का अनुमान होने का वजह से इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया है।
रेल मंत्री ने बताया कारण
कुमारी शैलजा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल किया था कि क्या फतेहाबाद से हिसार वाया अग्रोहा रेल लाइन को मंजूरी दे दी गई है और प्रस्तावित रेल लाइन के संबंध में कोई सर्वे कराया गया है। साथ ही उन्होंने अग्रोहा और फतेहाबाद रेल मार्ग पर पटरी बिछाने का काम शुरू करने का ब्योरा मांगा। जिसका स्पष्ट जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फतेहाबाद और अग्रोहा के रूट पर 93 किलोमीटर तक कराया गया। उन्होंने कहा कि इस रास्ते पर ट्रैफिक कम है, जिसके कारण प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाया गया।
अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर रेल मंत्री कर चुके हैं घोषणा
फतेहाबाद के निवासी काफी लंबे समय से जिला मुख्यालय को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। कई बार राजनीतिक पार्टियों भी इसकी घोषणा कर चुकी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में एमएम कॉलेज में जनसभा को संबोधित करते हुए फतेहाबाद को रेलवे लाइन से जोड़ने की ऐलान किया था। उनके बाद पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और अशोक तंवर ने भी इसकी घोषणा की थी, लेकिन आज तक इस घोषणा को पूरा नहीं किया गया।
नए रेल नेटवर्क को मंजूरी देने के नियम
रेल मंत्रालय की ओर से नए रेल नेटवर्क को मंजूरी देने के लिए कई मानदंड तय किए गए हैं। जब भी किसी राज्य के जिलों को रेलवे नेटवर्क के जरिए आपस में जोड़ने की मांग की जाती है, तो रेल मंत्रालय तय किए गए मानदंडों के अनुसार सर्वे करता है। रेल परियोजनाओं की लाभप्रदता को देखते हुए यातायात अनुमान, लास्ट मील कनेक्टिविटी, मिसिंग लिंक और वैकल्पिक मार्गों की जांच की जाती है। इसके साथ ही संतृप्त लाइनों के विकास और सामाजिक तथा आर्थिक महत्व को तरजीह दी जाती है।
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