हरियाणा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे राज बब्बर: कहा- भूपेंद्र हुड्डा राजनीति के मंझे खिलाड़ी, इलेक्शन लड़ने में मेरी दिलचस्पी नहीं

गुरुग्राम लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राज बब्बर ने कहा है कि वो हरियाणा में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इससे पहले कहा था कि वो हरियाणा के लोगों की सेवा करते रहेंगे।;

Update:2024-07-15 17:19 IST
राज बब्बर।Vidhansabha Election in Haryana
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Vidhan Sabha Election in Haryana: गुरुग्राम लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वे हरियाणा का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। दरअसल, राज बब्बर ने बीजेपी प्रत्याशी रहे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह को लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। उन्होंने कहा था कि वे चुनाव हार गए हैं, लेकिन यहां के लोगों की सेवा करते रहेंगे। इससे कयास लगाए जा रहे थे कि वे यहां से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन अब राज बब्बर ने स्वयं इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। 

राज बब्बर ने बताई यह वजह 

अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने कभी भी विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा है। उन्हें कोई भी विधानसभा चुनाव लड़ने की पेशकश नहीं करेगा। राज बब्बर ने अपने बयान में कहा कि वह 26 साल से राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें कभी भी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं हुई है।

राजनीति में आने से पहले बब्बर-हुड्डा थे दोस्त

राज बब्बर ने आगे कहा कि उनकी भूपेंद्र हुड्डा से दोस्ती बेहद पुरानी रही है। भूपेंद्र हुड्डा से यह दोस्ती राजनीति की बदौलत नहीं हुई है, यह दोस्ती तब से है, जब वह दोनों राजनीति में भी नहीं थे। राज बब्बर ने कहा कि हुड्डा राजनीति के मंझे खिलाड़ी हैं। भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला से उनके बहुत अच्छे संबंध है। उन्होंने कहा कि सुरजेवाला इकलौते ऐसे शख्स थे, जो चाहते थे कि वह हरियाणा से चुनावी रण में उतरें।

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 स्थानीय मुद्दों को लेकर सक्रिय 

आपको बता दें कि इस बार राज बब्बर ने गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने यहां से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को टिकट दी थी। राव लगातार 5 बार के सांसद और 2 बार के केंद्रीय राज्य मंत्री थे। लेकिन राज बब्बर से उनकी कांटे की टक्कर थी। लेकिन बब्बर को हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद भी राज बब्बर गुरुग्राम में एक्टिव है। लोगों की समस्याओं को अफसरों तक भी पहुंचा रहे हैं। इसलिए अटकलें लगाई जा रही थी कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। 

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