Narnaund: हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर ऐतिहासिक गांव राखीगढ़ी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। खुदाई के दौरान टीलें नंबर सात पर एक मानव का कंकाल मिला है। इस कंकाल को पूरी सावधानी के साथ निकालकर साइट के पास ही बन रहे म्यूजियम में रखने की योजना पर कार्य किया जा रहा हैं। ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक कंकाल को देख सके। क्योंकि जो भी पर्यटक बाहर से आते हैं, खुदाई के बाद देखने के लिए इन टीलों पर कुछ नहीं होता। इसलिए इस कंकाल को म्यूजियम में रखा जाएगा। अगर कंकाल सही तरीके से संरक्षण करके रखा जाएगा तो पुरातत्व विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। अभी तक एक भी कंकाल पूरा नहीं उठाया गया है।
राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान मिल चुके कंकाल
राखी गढ़ी के टीलें नंबर सात पर पहले भी खुदाई के दौरान काफी कंकाल मिल चुके हैं। उनके डीएनए से ही पता चला था कि यह करीब पांच हजार वर्ष पुरानी सभ्यता के कंकाल हैं। इस बार भी टीलें सात पर खुदाई के दौरान एक कंकाल मिला है। कंकाल के पास शंख की अलग-अलग प्रकार की चूड़ियां भी पाई गई है। पुरातत्वविद इस पर गहरा मंथन करने में जुटे हुए हैं कि जो चूड़ियां कंकाल के पास मिली है। वह इसी व्यक्ति की है या अन्य किसी महिला की है। क्योंकि आज भी परंपरा है कि जब भी किसी महिला के पति की मृत्यु होती है तो वह चूड़ियां तोड़कर उसके पास रखती हैं। शायद वह परंपरा पहले भी हो या हो सकता हो पहले व्यक्ति हाथों में ज्यादा कड़े पहनते हो।
कंकाल को लिफ्ट करना बड़ी चुनौती
पूरे कंकाल को टीले सात से उठाकर म्यूजियम में रखना पुरातत्व विभाग के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए लगातार पुरातत्व विभाग के अधिकारी अलग-अलग योजना पर कार्य करने के लिए मंथन में जुटे हुए हैं। अधिकारी कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। क्योंकि सही तरीके से कंकाल को निकालकर म्यूजियम में रखेंगे तो यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की बड़ी सफलता होगी।
17 फरवरी से चल रहा खुदाई का कार्य
राखीगढ़ी में 17 फरवरी से खुदाई का कार्य चल रहा है। खुदाई के दौरान टीलें नंबर सात से एक मानव का कंकाल मिला है। कंकाल का सिर दक्षिण दिशा की तरफ है और उसके सिर की तरफ अलग-अलग प्रकार के 18 मिट्टी के बर्तन रखे हुए हैं। इस कंकाल का डीएनए भी लिया जाएगा। उसके बाद ये पता चलेगा कि यह कितने वर्ष पुराना है और इसकी उम्र कितने वर्ष थी। कंकाल के दांतों की भी जांच की जाएगी, उससे पता चलेगा कि वह कैसा खाना खाता था। मांसाहारी था या शाकाहारी और वह महिला या फिर पुरुष था।
कंकाल उठाने के लिए हो रहा मंथन : मंजुल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अप्पर महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल ने बताया कि कंकाल को उठाने के लिए मंथन किया जा रहा है। अब तक राखीगढ़ी में किसी भी कंकाल को पूरा नहीं उठाया गया। ये पूरा कंकाल उठाकर म्यूजियम में रखा जाएगा। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक कंकाल को भी देख सके।