योगेंद्र शर्मा, Haryana: हिसार की संसदीय सीट पर भाग्य आजमाने उतरे मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला की चौधर इसी तरह से कायम रहेगी अर्थात वे सूबे की नायब सरकार में मंत्री पद पर फिलहाल बने रहेंगे। यही कारण है कि हरियाणा सिविल सचिवालय के आठवें फ्लोर पर अभी भी उनका दफ्तर उसी प्रकार से है, जैसा पूर्व में चल रहा था। लोकसभा की हिसार सीट से भाजपा के टिकट पर भाग्य आजमाने मैदान में उतरे चौधरी रणजीत सिंह के सामने फील्ड में भले ही चुनौतियां हों, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार औऱ भाजपा हाईकमान का हाथ उनके सिर पर पूरी तरह से बना हुआ है।
पूर्व सीएम मनोहर लाल के समय भी थे बिजली मंत्री
पूर्व सीएम मनोहरलाल के वक्त बिजली और जेल मंत्री रह चुके रणजीत चौटाला को एक बार फिर से नायब मंत्रीमंडल में आने के बाद यही विभाग आबंटित किए गए हैं। हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे रणजीत सिंह का चुनाव परिणाम तक मंत्री पद बरकरार रहेगा। सचिवालय प्रशासन की ओर से आठवीं मंजिल पर कमरा दोबारा से अलॉट कर दिया है। बिजली और जेल विभाग की फाइलें भी मंत्री के जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा रही है। विधानसभा से भी उनका कानूनन इस्तीफा स्वीकार होना तय माना जा रहा है लेकिन उसे अभी तक भी स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया है।
नायब सरकार में मंत्री बनने से पहले भाजपा कर चुके थे ज्वाइन
कानून विदों मानना है कि निर्दलीय विधायक यदि किसी राजनैतिक दल में शामिल होता है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। रणजीत सिंह दूसरी बार नायब मंत्रीमंडल में मंत्री बने हैं, साथ ही लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के ठीक पहले भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। यहां पर यह भी गौरतलब है कि सिरसा के रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को 2019 में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया था। करीब साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में रणजीत चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बेहद करीबी नेताओं में माने जाते हैं। जजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मंत्रीमंडल में भी भाजपा ने एकमात्र निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को ही कैबिनेट मंत्री बनाया।
4 जून को परिणाम के बाद होगा फैसला
बताया जा रहा है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के मंत्री पद का फैसला होगा। रणजीत चौटाला यदि लोकसभा का चुनाव जीतते हैं तो फिर वह मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। यदि चुनावी परिणाम विपरीत आया तो फिर 10 सितंबर तक उनका मंत्री पद बना रह सकता है। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कद बड़ा बनाए रखने के कारण मंत्री पद बरकरार रखा है।
पूर्व सीएम को बताया था अपना सियासी गुरु
लोकसभा सीट हिसार से भाजपा प्रत्याशी चौधरी रणजीत सिंह वैसे तो लगभग 80 साल के होने जा रहे हैं। अपने पद से इस्तीफा दे चुके सीएम हरियाणा को अपना पिता तुल्य बता चुके हैं, साथ ही पिता तुल्य भी मानते हैं। हालांकि चौधरी स्वर्गीय देवीलाल के पुत्र और वरिष्ठ नेता चौधरी रणजीत सिंह के इस बयान की आलोचना भी सियासी गलियारों में काफी समय से चली आ रही है। लेकिन वे अपने बयान पर कायम हैं। उनका कहना था कि पूर्व सीएम मनोहरलाल को वे दिल से मान सम्मान देते हैं, उनसे काफी कुछ सीखा है।