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हरियाणा में नूहं के मेवात में तीन साल पहले एक नौ वर्षीय बच्चे के साथ कुकर्म करने के आरोपी को दोषी मानते हुए अदालत ने 20 साल कैद व 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में दूसरा नाबालिग आरोपी जमानत के बाद फरार चल रहा है।

Mewat।  नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत ने एक दस वर्षीय बच्चे से कुकर्म करने के आरोपी को दोषी दोषी मानते हुए 20 साल की सजा के साथ-साथ 22 हजार रुपए जुर्माना भरने का फैसला सुनाया है।इसके अलावा अदालत ने पीड़ित पक्ष को दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की सिफारिश की।

जनवरी 2021 की घटना

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष पोक्सो अदालत के विशेष अभियोजक आकाश तंवर ने बताया कि जनवरी 2021 में नगीना थाने के अंतर्गत एक गांव में एक दस वर्षीय बच्चे से कुकर्म करने का मामला सामने आया था।पीड़ित के पिता की शिकायत पर नगीना थाना पुलिस ने दो के विरुद्ध केस किया।

सरसों के खेत में पड़ा मिला था पीड़ित

पीडि़त के पिता ने अपनी शिकायत में बताया कि 9 वर्षीय बेटा सुबह गांव के मोड पर खेल रहा था,उसी दौरान वसीम अपने नाबालिग साथी के साथ बच्चे को सरसों के खेत में ले गया। जहां पर पचास रुपए का लालच देकर दोनों ने कुकर्म किया। इस दौरान बच्चे को धमकी भी दी गई।पीड़ित के छोटे भाई के माध्यम से जब परिजन को सूचना मिली तो खोजबीन हुई। शिकायत में बताया की खोजबीन के दौरान ही बच्चा सरसों के खेत में बदहवास मिला।जिसका अस्पताल ले जाकर उपचार कराया।

पंचायत स्तर पर मामला निपटाने के भी प्रयास 

गांव में पंचायती स्तर पर  भी विवाद को समाधान करने का असफल प्रयास हुआ। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करते हुए मुख्य आरोपी वसीम की गिरफ्तारी कर ली ,फिर पूछताछ के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर ले जाकर निशानदेही कराई।

नाबालिग दूसरा आरोपी चल रहा है फरार

जबकि इस मामले में दूसरा आरोपी नाबालिग था। जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया। लेकिन जमानत मिलने के बाद वह नियमित रूप से  सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुआ। जो फिलहाल फरार घोषित है।जबकि नूंह पुलिस ने मुख्य आरोपी वसीम के विरुद्ध सभी प्रकार के सबूत जुटा लिए। जिनकी अदालत में मजबूती से पैरवी की गई।लगभग तीन साल तक अदालत में केस सुनवाई चली।मंगलवार को अतिरिक्त अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की अदालत ने दोषी वसीम को 20 साल कारावास की सजा के साथ-साथ 22 हजार रुपए जुर्माना भरने का फैसला सुना दिया। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को 6 महीने अतिरिक्त सजा के काटनीहोंगी।

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