Nuh: जिले के फिरोजपुर झिरका उपमंडल में संचालित मेवात क्षेत्र गौशाला समिति से गौतस्करी का बड़ा खुलासा किया गया। गौतस्करी मामले में गौशाला के कर्मचारियों के शामिल होने की बता सामने आई है। फिरोजपुर झिरका थाना पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम में दो नामजद सहित पांच अन्य आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज किया है। गौशाला से गोवंश की तस्करी की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया, वहीं गौशाला प्रबंधन समिति से जुड़े लोगों ने मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया।

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने की कार्रवाई

नूंह पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गौरक्षकों की एक टीम को सूचना मिली कि फिरोजपुर झिरका मेवात क्षेत्र गौशाला समिति में काम करने वाले सोनू और ओमप्रकाश गौवंश को चुराकर चार से पांच व्यक्तियों की मदद से एक वाहन में भर रहे हैं। जो गौवंश को तस्करी के लिए ले जाने वाले हैं। सूचना मिलने पर गौरक्षा दल की टीम मौके पर पहुंची तो वाहन चालक गौवंश और अपने साथियों को लेकर मौके से फरार हो गया। साथ ही गौशाला कर्मचारी भी फरार हो गए। पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए उपरोक्त सभी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया।

गौशाला के सदस्य मिलीभगत से कर रहे थे गौतस्करी

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कहानी दूसरे तरीके से बताई गई है। दावा है कि सोमवार - मंगलवार की रात्रि जिले की इस गौशाला में कार्यरत चार सदस्यों की मिलीभगत से गौतस्करी की जा रही थी। गौशाला कर्मचारियों की मदद से ही गौवंश को वाहन में भरकर निकलवा दिया गया। लेकिन मामले की भनक लगते ही पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। पुलिस ने गौशाला कर्मचारियों को रात में ही हिरासत में लिया, जबकि गौशाला से निकाले गए गौवंश की पुख्ता जानकारी नहीं है। गौशाला समिति सदस्यों से भी गहनता से पूछताछ की गई। रात्रि में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें गौरक्षक पुलिस की मौजूदगी में गौशाला के कर्मचारियों के साथ मारपीट करते हुए सख्ती से पूछताछ कर रहे हैं।

गौशाला समिति के सदस्य मामले में डाल रहा पर्दा

जानकारी के मुताबिक गौशाला समिति से जुड़े सदस्य इस पूरे मामले पर पर्दा डालना चाहते थे। रात वारदात होने के बाद मंगलवार दोपहर बाद खानापूर्ति के लिए शिकायत दर्ज कराई गई। हरियाणा गौरक्षा प्रधान आचार्य योगेंद्र को भी सारे घटनाक्रम से अवगत कराया गया। खास बात यह है कि गौतस्करी का आरोप जिन लोगों पर लग रहा है, उनमें अधिकतर हिंदू समाज से सम्बन्ध रखते हैं। संबंधित गौशाला के संचालक ने पल्ला झाड़ते हुए सिर्फ पुलिस के जांच में सहयोग करने की बात कही। कुल मिलाकर गौशाला के नाम पर गौतस्करी का नाम जुड़ने से मेवात क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जागरूक लोगों का दावा है कि यह एक बड़ा संगठित गिरोह है, जो गौ सेवा की आड़ में अवैध कारोबार का संचालन करता है।

गौतस्करी मामले में गंभीरता से जांच कर रही पुलिस

अमन सिंह थाना प्रभारी फिरोजपुर झिरका ने बताया कि गौशाला से गौतस्करी के संदर्भ में केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है। इस घटनाक्रम से जुड़े सभी दोषियों का पता लगाकर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि अगर इस केस में निष्पक्ष व त्वरित जांच की गई तो इस बात का खुलासा भी हो सकता है कि गौशालाओं से कितनी गायों को अब तक तस्करों को बेचा जा चुका है। इस घटना का खुलासा होने के बाद एक बात तो साफ है कि गौहत्या - गौतस्करी के पीछे सिर्फ एक विशेष समुदाय नहीं बल्कि एक रैकेट चल रहा है, जिसमें कई धर्म के लोग शामिल हैं।