Rewari Boiler Blast: रेवाड़ी में 16 मार्च को ऑटो स्पेयर्स निर्माण कंपनी के बॉयलर विस्फोट मामले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। कंपनी ने इस घटना में हुई मौत को कारण कर्रचारियों के परिजनों को फैक्ट्री मैनेजमेंट द्वारा उन्हें 7 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऑफर किया है। हालांकि, परिजनों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। फिलहाल, जिले के अधिकारी आर्थिक मदद की राशि बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। रेवाड़ी के प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि श्रमिकों ने अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकाई है, इसलिए हमने फैक्ट्री प्रबंधन से मृतक के परिजनों को 7 लाख रुपये के बजाय कम से कम 20 लाख रुपये देने के लिए कहा है।
परिवारों के लिए की गई पेंशन मांग
रेवाड़ी डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि प्रबंधन के साथ बातचीत चल रही है। हमें सहायता राशि में वृद्धि की उम्मीद है। वहीं, गोंडा (UP) के पीड़ितों में से एक के भाई फिरोज ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन उन्हें 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक दे रहा था, लेकिन उन्हें जो अपूरणीय क्षति हुई है, उसे देखते हुए यह अपर्याप्त था। उन्होंने कहा है कि अधिकतर श्रमिक अकेले कमाने वाले थे। हम परिवारों के लिए पेंशन की भी मांग करते हैं।
सिक्योरिटी इक्विपमेंट न मिलने से हुआ हादसा
परिवारों ने फैक्ट्री मालिक, प्रबंधक और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर श्रमिकों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए होते या धूल कलेक्टर को ठीक से साफ किया गया होता तो इस घटना को टाला जा सकता था। कहा जा रहा है की रेवाड़ी एसडीएम विकास यादव के नेतृत्व में जिला आधिकारिक समिति ने औद्योगिक सुरक्षा मानदंडों से संबंधित खामियां पाई गई थीं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि श्रमिकों को उचित सुरक्षा गियर उपलब्ध नहीं कराए गए थे।
यह हादसा 16 मार्च की शाम को हुआ था जिसमें धारूहेड़ा स्थित लाइफ लॉन्ग कंपनी में बॉयलर फट गया था। जिसमें कई मजदूर झुलस गए थे और बाद में इलाज के दोरान उलकी मौत हो गई। इस हादसे में झुलसा यूपी के जिला गोंडा के राजकुमार ने बताया कि 16 मार्च को करीब 60-70 कर्मचारी कंपनी में काम कर रहे थे। शाम लगभग 5:45 बजे बॉयलर डस्ट कलेक्टर फट गया। ये बॉयलर डस्ट कलेक्टर पहले भी दो बार फट चुका था। उस समय कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी ठेकेदार और कंपनी मालिकों को इसे ठीक करने के लिए कहा गया था। साथ ही बताया था कि इससे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन इसकी देखरेख पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।