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कंट्रोल्ड एरिया में अवैध निर्माण करने पर डीटीपी ने एक बिल्डिंग को सील किया, जिसे चंद घंटों बाद ही तोड़ दिया। सील तोड़ने के बाद भी जूनियर अफसर ने एक्शन नहीं लिया और न ही डीटीपी को बताया। डीटीपी को पता चलने पर दोबारा बिल्डिंग को सील किया गया।

Rewari:  कंट्रोल्ड एरिया में अवैध निर्माण रोकने के मामले में डीटीपी कार्यालय के ही कुछ जूनियर ऑफिसर घर के भेदी साबित हो रहे हैं। कहीं एक बार निर्माण तोड़ने के बाद फिर से निर्माण हो जाते हैं, तो कहीं सीलिंग की कार्रवाई के बाद विभाग के जूनियर अफसर के इशारे पर सील तक तोड़ दी जाती है। रामपुरा में बीते सप्ताह सील की गई एक बिल्डिंग की सील तोड़ दी गई, परंतु संबंधित अधिकारी ने उच्चाधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। मंगलवार को डीटीपी को जब इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने संबंधित अधिकारी को फटकार लगाते हुए बिल्डिंग को दोबारा सील करा दिया।

28 दिसंबर को रामपुरा में पुलिस की मौजूदगी में बिल्डिंग की थी सील 

डीटीपी की टीम ने 28 दिसंबर 2023 को रामपुरा में पुलिसबल की मौजूदगी में एक बिल्डि़ंग को सील किया था। इस बिल्डिंग को अवैध निर्माण मानकर विभाग ने कार्रवाई अमल में लाई थी। डीटीपी मंदीप सिहाग ने शिकायत मिलने के बाद अधीनस्थ अधिकारियों को सीलिंग की कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बाद विभाग के जेई धर्मपाल व अन्य अधिकारियों ने मौके पर जाकर बिल्डिंग पर दो जगह सील लगाई। पुलिसबल की मौजूदगी के कारण सीलिंग की कार्रवाई का कोई विरोध नहीं हो सका था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नियमों को ताक पर रखते हुए बिल्डिंग की एक सील को चंद घंटे बाद ही तोड़ दिया। सील करने के बाद ही एक जूनियर अधिकारी की ओर से बिल्डिंग मालिक को बाद में सील हटा देने का इशारा कर दिया गया था।

सील हटाने की सूचना भी दबाए रखी 

नियमानुसार किसी बिल्डिंग को सील किए जाने के बाद संबंधित जेई उस पर लगातार निगरानी रखता है। एक बार सील करने के बाद बिल्डिंग को कोर्ट के आदेश पर या विभागीय औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही खोला जा सकता है। संबंधित जेई ने या तो बिल्डिंग की सील का निरीक्षण नहीं किया या फिर जानबूझकर इसे अनदेखा कर दिया। बिल्डिंग की एक सील हटाने के बाद दूसरी हटवाने के लिए जिम संचालक ने भी मंगलवार को विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट मना कर दिया।

आनन-फानन में दोबारा लगाई सील 

बिल्डिंग की सील हटाने की भनक जूनियर अधिकारी ने सीनियर तक को नहीं लगने दी। डीटीपी को मंगलवार को जब बिल्डिंग की सील हटाने की जानकारी मिली, तो उन्होंने जेई धर्मपाल से इसकी जानकारी मांगी। जेई ने बताया कि एक हिस्से पर लगाई गई सील हटा दी गई है, तो डीटीपी ने दोबारा सील लगाने के आदेश दिए। आनन-फानन में जेई धर्मपाल ने विभाग की टीम के साथ मौके पर जाकर बिल्डिंग को दूसरी बार सील करना पड़ा। बिल्डिंग की सील हटाने के बावजूद कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

अवैध निर्माण को दिया जा रहा बढ़ावा 

विभाग की ओर से शहर के आसपास कंट्रोल्ड एरिया में अवैध रूप से निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ नियमित अंतराल के बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई अमल में लाई जाती है। महेंद्रगढ़ रोड पर ऐसे कई निर्माण तोड़ दिए गए थे। इसके बाद जूनियर लेवल के अधिकारी निर्माण करने वाले लोगों के साथ सांठगांठ करने में कामयाब हो जाते हैं। एक बार तोड़े गए निर्माण की जगह दुकानें और मकान का बनाने का कार्य फिर से शुरू हो जाता है। इस रोड पर कई जगह दूसरी बार निर्माण हो चुके हैं।

दोबारा सील हटाने पर होगी एफआईआर 

डीटीपी मंदीप सिहाग ने बताया कि बिल्डिंग के नियमों के अनुसार नहीं बने होने की शिकायत पर उसे सील कराया गया था। रातों-रात विभाग की सील को हटा दिया गया। सील हटाने में अगर किसी जूनियर अधिकारी की भूमिका पाई गई, तो उसके खिलाफ उच्चाधिकारियों को विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।

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