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गुरुग्राम में एक फर्जी ट्रांसपोर्ट का भंडाफोड़ करते हुए दूसरे की गाड़ी को यूज कर रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

Rewari: एंटी व्हीकल थेप्ट टीम ने गुरुग्राम में एक फर्जी ट्रांसपोर्ट का भंडाफोड़ करते हुए दूसरे की गाड़ी को यूज कर रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने फर्जी ट्रांसपोर्टर व उसके अन्य सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी। असल मालिकों की जगह गाड़ी यूज कर रहे तीनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। जल्द ही अन्य आरोपियों को काबू कियश जाएगा।

गुरुग्राम में खोल रखा था फर्जी ट्रांसपोर्ट ऑफिस

पुलिस को सूचना मिली कि चरखी दादरी के पैंतावास कलां निवासी अरुण कुमार ने गुरुग्राम में फर्जी ट्रांसपोर्ट का ऑफिस खोला हुआ है। वह ट्रांसपोर्ट से लोगों की गाड़ियां एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का कार्य करता है। वह गाड़ियों को उनके असल मालिकों तक पहुंचाने की बजाय गुर्जवाड़ा निवासी कपिल के साथ मिलकर अपने परीचितों को बेच देता। पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली कि एक असल मालिक की गाड़ी को कपिल यूज कर रहा है। वह बावल से शहर की ओर आ रहा है। सूचना के बाद पुलिस ने बावल रोड पर कमलापुर बिठवाना के पास नाकेबंदी कर दी। इसी दौरान आरोपी को काबू किया गया।

पूछताछ के बाद काबू किए दो अन्य 

पुलिस ने आरोपी कपिल से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह दो गाड़ियां खुद यूज कर रहा है। इसके अलावा उसने दो गाड़ियां मुक्तिवाड़ा निवासी विक्रम और गुर्जरवाड़ा निवासी कर्ण उर्फ करणी को दी हुई हैं। पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए उन दोनों को भी गिरफ्तार करते हुए दोनों गाड़ियां बरामद कर ली। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अन्य गाड़ियां बरामद होने की भी संभावना जताई जा रही है। पुलिस ने इन गाड़ियों के वास्तविक मालिकों का भी पता लगा लिया है।

ऑनलाइन बुकिंग से कमाते रहे पैसे 

पुलिस के अनुसार जांच में यह बात सामने आई कि गाड़ियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए अरुण ऑनलाइन बुकिंग करता रहा। इसके बदले वह पैसे कमाता रहा। बुकिंग के बाद संबंधित गाड़ी को वह परीचितों के सुपुर्द करता रहा। इस खेल में रिंकू नामक एक युवक भी संलिप्त बताया जा रहा है। पूछताछ में कपिल ने बताया कि उसने अरुण के साथ मिलकर गई गाड़ियां रेवाड़ी में भी अपने परीचितों को दी हुई हैं।

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