Rewari : रोडवेज प्रबंधन जहां यात्रियों की सुविधा के लिए जरूरी प्रयास कर रहा है। वहीं डिपो में अपना दस साल का सफर पूरा करने के बाद प्रति वर्ष बसें कंडम होकर खड़ी हो रही है। रेवाड़ी डिपो में लंबे समय से बसों की कमी चल रही है, लेकिन डिपो को अब 10 बसें मिलने से काफी समस्या दूर हो गई है। अब डिपो में किलोमीटर स्कीम सहित बसों की संख्या 144 हो गई है। बसों की कमी के कारण रेवाड़ी डिपो से चंडीगढ़, दिल्ली व जयपुर के लंबे रूट सहित कई छोटे रूट भी प्रभावित हो रहे थे। कैथल डिपो से 10 बस आने के समस्या दूर होने की संभावना है।
कई रूटों पर नहीं हो रहा था संचालन
डिपो में बसों की कमी के कारण भिवानी, चरखी दादरी, हिसार व बैजनाथ सहित कई रूटों पर बसों का संचालन नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब 10 बसें मिलने से कई रूटों की कमी दूर हो गई है। रेवाड़ी से चंडीगढ़ के लिए सुबह जाने वाली बस सेवा को भी बहाल किया जाएगा। डिपो के लिए 177 बसों की स्वीकृति है। अभी डिपो को 33 बसों की और जरूरत है। डिपो में अब 111 रोडवेज व 35 किलोमीटर स्कीम की बसें हो गई है। डिपो में 40 बसें बीएस-6, 35 बसें बीएस-4 तथा बाकी बीएस-3 बसें है, जिनमें से 19 मिनी बसें है।
चालक व यात्रियों के लिए सुविधा
कैथल से आई 10 बसों में चालक व यात्रियों के लिए कुछ सुविधाएं भी दी गई है। चालक सीट के पास माइक की सुविधा है, जिससे वह यात्रियों को स्टोपेज आने पर आनाउंस भी कर सकता है, क्योंकि बस में स्पीकर माइक से कनेक्ट किए गए है। इसके अलावा प्रत्येक सीट पर स्विच है, जिसको दबाकर यात्री अपने स्टोपेज आने की सूचना दे सकता है। बस के गेट पर भी स्विच लगा है, जिसको दबाकर परिचालक बस रूकवा सकता है।
डिपो से प्रतिदिन 43 हजार किलोमीटर का सफर
राजस्व के मामले में रेवाड़ी डिपो काफी उपलब्धि हासिल कर रहा है। डिपो के पास अभी 111 हरियाणा रोडवेज व 35 किलोमीटर स्कीम की बसें है। यह बसें रोजाना विभिन्न रूटों पर करीब 43 हजार किलोमीटर का सफर तय करती है। किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसें सिर्फ लंबे रूट के लिए संचालित हो रही है।
प्रति वर्ष कंडम हो जाती बसें
रोडवेज डिपो में प्रति वर्ष अपने 10 साल पूरे करने पर बसें कंडम हो जाती है। 2023 में डिपो से 27 के करीब बसें कंडम होकर वर्कशॉप में खड़ी हो गई है। रोडवेज वर्कशॉप में पिछले वर्षो को मिलाकर 67 के करीब बसें कंडम होकर खड़ी है। इन बसों की ऑक्शन की जाती है, लेकिन कई सालों से बोली नहीं लगाए जाने पर कंडम बसें वर्कशॉप में जगह घेरे हुए है। वर्कशॉप में 2010 में कंडम हुईर् बसें भी खड़ी हुई है। इसके अलावा 2011, 2012, 2016 व 2021 सहित अब 2023 की कंडम बसें भी खड़ी है। यहां तक कि वर्कशॉप में क्रेन भी कंडम होकर खड़ी हुई है।
लंबे रूटों पर चलाई जाएंगी बसें
डिपो के जीएम देवदत्त ने बताया कि रोडवेज डिपो में 10 बसें आने से काफी हद तक परेशानी दूर हो गई है। इन बसों को दिल्ली व चंडीगढ़ जैसे लंबे रूटों पर चलाया जाएगा, ताकि यात्रियों को उचित सुविधा मिल सके। बसों की संख्या बढ़ाने के लिए निदेशालय से और मांग की जाएगी।