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चुनावों के बीच सुनारिया जेल में राम रहीम से हनीप्रीत की मुलाकात से हरियाणा पंजाब की सियासत गर्मा गई है। रहीम से जेल में मिला राज न केवल हनी की बंद मुट्टी खुलने के बाद ही बाहर आएगा, बल्कि चुनावों में डेरे का रूख भी स्पष्ट होगा।

सिरसा का डेरा सच्चा सौदा लंबे समय तक हरियाणा की राजनीति के केंद्र में रहा है। हरियाणा व पंजाब सहित देश में डेरे के लाखों अनुयायी है तथा उनके वोट हासिल करने के लिए नेता अक्सर डेरामुखी के आगे नतमस्तक होते रहे हैं। साध्वी यौन शोषण केस में राम रहीम को सजा होने नेताओं ने भी भले ही सार्वजनिक रूप से बाबा से दूरी बना ली हो, परंतु पर्दें के पीछे से उनका आशीर्वाद लेने की अब भी होड मची रहती है। 18 मई को जेल में हनीप्रीत की बाबा से मुलाकात ने लोकसभा चुनावों के बीच हरियाणा व पंजाब की सियायत में उबाल ला दिया। 

हनीप्रीत की बंद मुट्टी से खुलेगा राज 

राम रहीम की सबसे विश्वास पात्र मानी जाने वाली हनीप्रीत 18 मई को राम रहीम से मिलने जेल पहुंची। माना जा रहा है कि जेल में मुलाकात के दौरान बाबा ने हनीप्रीत को लोकसभा चुनावों में अनुयायियों के लिए अपना संदेश दे दिया है। बाबा का संदेश किसी पार्टी के पक्ष में जाएगा, इसका राज फिलहाल हनीप्रीत की मुट्टी में बंद हैं। मतदान से एक या दो दिन पहले जैसे ही हनीप्रीत अपनी बंद मुट्टी खोलेगी, बाबा का संदेश हरियाणा व पंजाब सहित देश के विभिन्न हिस्सों में फैले लाखों डेरा अनुयायियों तक पहुंच जाएगा। बाबा से मिले संदेश के अनुसार ही डेरा अनुयायी चुनाव में अपने वोट का प्रयोग करेंगे।

चुनावों से पहले डेरे में होते थे नतमस्तक 

साध्वी यौन शोषण केस में सजा होने से पहले विभिन्न पार्टियों के नेता चुनाव में बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए न केवल डेरे में जाते थे, बल्कि बाबा के सामने नतमस्तक भी होते थे। अकेले हरियाणा व पंजाब में डेरा अनुयायियों की संख्या लाखों में हैं। बाबा जिस तरफ इशारा करते हैं, अनुयायी अपना वोट उसी पार्टी अथवा नेता को देते हैं। अपने वोट बैंक के चलते ही कई दशक तक राम रहीम हरियाणा व पंजाब में पॉवरफुल बना रहा। साध्वी यौण शोषण मामले में सजा होने के बाद की चमक धमक भले ही फिकी पड़ गई हो, परंतु उनकी वोट बैंक की पॉवर की चमक आज भी वैसी ही बनी हुई है। 

बाबा के जेल में जाने के बाद बढ़ी हनी की पॉवर

राम रहीम के जेल जाने से पहले ही हनीप्रीत व बाबा के रिश्ता अक्सर विवादों में रहा है। राम रहीम के जेल जाने के बाद हनीप्रीत डेरे में सबसे अधिक पॉवरफुल होकर सामने आई। हनीप्रीत न केवल राम रहीम की गैरमौजूदगी में डेरे का संचालन करती है, बल्कि जेल से बाबा की तरफ से मिलने वाले संदेश अनुयायियों तक भी पहुंचाती हैं। इसलिए 18 मई को जेल में हुई हनीप्रीत व बाबा की मुलाकात हरियाणा व पंजाब की राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है। 
 

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