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जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पैरा कमांडो प्रदीप नैन को सोमवार को हरियाणा में जींद के जाजनवाला गांव में राजकीय सम्मान के साथ हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। गांव के लाल का तिरंगे में शव देख ग्रामीण फफक-फफक कर रो पड़े।

Pradeep Nain Merged: कुलगाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते समय मुठभेड़ में शहीद हुए पैरामिल्ट्री कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन का सोमवार को जींद के गांव जाजनवाला में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया। आर्मी की टुकड़ी ने शस्त्र झुका कर उन्हें अंतिम सलामी दी। तिरंगे में लिपटे अपने लाडले के शव को देख ग्रामीण फफक कर रो पड़े। प्रदीप नैन के पार्थिव शरीर को आर्मी की तिरंगे से सजी गाड़ी से लाया गया। जिसकी अगवानी तिरंगे लगी गाडिय़ों तथा बाइकों के काफिले ने की। पूरे गांव को तिरंगे से सजाया गया था। 

Salute to martyrdom
शहीद प्रदीप नैन को सलामी देते जवान।
स्वास्थ्य मंत्री ने किए पुष्पार्पित

आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए हरियाणा के बेटे की शहादत को सलाम करने के लिए सरकार की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, डीसी मोहम्मद इमरान रजा, एसपी सुमित कुमार व एसडीएम अनिल दून इत्यादि के साथ जाजनवाला गांव पहुंचे और पुष्पार्पित कर शहीद प्रदीप नैन की शहादत को नमन किया। आर्मी वेटरन एसोसिएशन के जोनल प्रेसिडेंट राजबीर सिंह ने बताया कि पैरा कमांडो प्रदीप नैन ने शहादत से पूर्व पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। प्रदीप नैन की शहादत पर पूरे देश को गर्व है।

2015 में ज्वाइन की थी आर्मी, 6 जुलाई को हुए शहीद

गांव जाजनवाला निवासी प्रदीप नैन (27) वर्ष परिवार का इकलौता चिराग था। वर्ष 2015 में वह पैरामिल्ट्री में सिपाही के पद भर्ती हुआ था। प्रदीप नैन के पिता बलवान सिंह अढ़ाई एकड़ के किसान हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। जबकि मां रामस्नेही साधारण गृहणी है। उनकी छोटी बहन मंजू है। जो शादीशुदा है। प्रदीप नैन ने 2022 में की शादी गांव लुटाना राजस्थान निवासी मनीषा से हुई थी। जो अब गर्भवती है। छह जुलाई को पैरा मिल्ट्री कमांडो कुलगाम में आतंकवादी मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गया था। रविवार रात को प्रदीप नैन के पार्थिव शरीर को हिसार कैंट पहुंचा था। 

कुलगाम में थी तैनाती 

प्रदीप नैन की फिलहाल पैरामिल्ट्री फोर्स में लांस लायक के पद पर कुलगाव जम्मू कश्मीर में थी। गत दिवस उन्हें कुलगाम में आंतकवादियों के छुपने की सूचना मिली थी। जिसके चलते आर्मी ने ज्वायंट आप्रेशन चलाया। आर्मी की टुकडी ने लांस नायक प्रदीप नैन के नेतृत्व में आंतकवादियों को घेर लिया और मुठभेड़ हो गई। जिसमें दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। आतंकवादियों की तरफ से की गई फायरिंग में गोलियां लगने से लांस नायक प्रदीप नैन शहीद हो गए। 

बचपन से था आर्मी में जाने का सपना

परिजनों ने बताया कि प्रदीप में देशसेवा का जज्बा बचपन से था। आर्मी में भर्ती होने का सपना भी बचपन से ही देखा था। आर्मी में भर्ती होने के बाद वर्ष 2019 मे वालेंटियरी पैरामिल्ट्री में चले गए थे। शहीद प्रदीप नैन का साला भी आर्मी में है और उनका जीजा भी आर्मी में है। परिजनों ने बताया कि पांच जुलाई को प्रदीप से अंतिम बार फोन पर बातचीत हुई थी। शाम को उन्हें प्रदीप के शहीद होने की सूचना मिली। परिजनों को इकलौत बेटे का खोने का गम तो है लेकिन शहदात पर गर्व भी है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रदीप नैन मिलनसार था। जब भी छुट्टी आता था तो वह हर अपने जानकार से मिल कर जाता था। 
 

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