हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार खत्म होने तक राजनीतिक दलों के बीच जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिली। कहीं नेता टिकट न मिलने के कारण पार्टी छोड़कर विरोधी दल में जाते दिखाई दिए, वहीं कुछ नेता घर वापसी करते भी नजर आए। कई नेता ऐसे भी रहे, जिन्होंने टिकट न मिलने के कारण किसी दल में जाने की बजाए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इन नेताओं ने भले ही अपनी सहुलियत के हिसाब से अपना दांव बदल लिया है, लेकिन सट्टा किंग ने अपनी चाल नहीं बदली है।

मतलब यह है कि सट्टा किंग ने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद जो दांव लगाया था, चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद भी उसमें बदलाव नहीं किया है। चलिये बताते हैं कि सट्टा बाजार ने किस दल को एक तरहा से विजेता घोषित कर दिया है, जिससे किन-किन दलों के नेताओं की धड़कनें बढ़ना लाजमी है।

फलोदी सट्टा बाजार ने इस दल पर खेला दांव

फलोदी सट्टा बाजार ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आकलन जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में कांग्रेस सरकार बना लेगी। कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएगी या फिर गठबंधन करके, यह आगे बताएंगे, लेकिन इससे पहले बताते हैं कि सट्टा बाजार ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होने के बाद किस दल पर कितना भरोसा जताया था।

कांग्रेस-आप गठबंधन पर जताया था भरोसा

सट्टा बाजार को आकलन था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन हो सकता है। ऐसा होने पर इस गठबंधन को 50 से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। लेकिन, आप और कांग्रेस में गठबंधन नहीं हुआ। इस कारण सट्टा किंग दांव को लेकर मंथन करता रहा। अब चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है, लिहाजा सट्टा बाजार ने भी पत्ते खोल दिए हैं। फलोदी सट्टा बाजार ने कांग्रेस को 55 से 58 के बीच सीटें आने का अनुमान जताया है। वहीं बीजेपी के लिए 24 से 26 सीटें मिलने का अनुमान है। बहरहाल, सट्टा बाजार का यह आकलन कितना सटीक बैठता है, यह 8 अक्टूबर को आने वाले नतीजों के बाद ही पता चल सकेगा।

सट्टा बाजार का अनुमान शत प्रतिशत ठीक नहीं होता

यह खबर पढ़कर कांग्रेस समर्थकों के चेहरे का खिलना लाजमी है, लेकिन बताते चलें कि सट्टा किंग की भविष्यवाणी शत प्रतिशत सच नहीं होती है। कारण यह है कि सट्टा बाजार मुनाफा कमाने के लिए ऐसी खबरें फैला देता है, ताकि ज्यादा लोग उसके अनुरूप दांव खेल सके और विपरीत रिजल्ट आने पर सट्टा कारोबारियों को मोटा मुनाफा मिल जाए।

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस चुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन, जेजेपी-एएसपी गठबंधन और अकेले चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषकर इनेलो-बसपा गठबंधन किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है। लिहाजा यह कहना कि बीजेपी या कांग्रेस में से किसी को बहुमत स्पष्ट मिल सकता है, यह एग्जिट पोल के बाद ही अनुमान लगाया जा सकता है।

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