भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनने के बाद से सट्टा कारोबारी मुश्किल हालात में फंस गए हैं। यही वजह है कि कुछ सट्टा कारोबारियों ने तो हरियाणा को छोड़कर हिमाचल भागने का निर्णय ले लिया है। कारण यह है कि हिमाचल की बजाए हरियाणा में सट्टा खेलने और खिलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन का प्रावधान किया गया है। ऐसे में सट्टा कारोबारियों ने हिमाचल के भोले भाले लोगों को भी ठगने की प्लानिंग बैठा ली है। यह हम नहीं बल्कि हिमाचल पुलिस के हवाले से जानकारी सामने आई है।

हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र कालाअम्ब पुलिस का कहना है कि त्योहारी सीजन आते ही सट्टा खिलाने वाले गिरोह सक्रिय हो चुके हैं। इस बारे में कई बार शिकायतें आईं, लेकिन दबिश देने के बावजूद आरोपी फरार होने में कामयाब हो गए। दो दिन पहले सूचना मिली कि कालाअम्ब में एक जगह पर सट्टा गिरोह लोगों से सट्टा खिलवा रहा है। पुलिस ने बताए गए स्थान पर दबिश दी, जहां से एक आरोपी को 1530 रुपये की नकदी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

थाना प्रभारी कुलवंत सिंह कंवर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आरोपी की शिनाख्त 33 वर्षीय विजय पुत्र प्रीतपाल सिंह के रूप में हुई है। आरोपी मूल रूप से पानीपत का रहने वाला है। उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसके कुछ साथी भी इसी तरह से जुआ खिलवा रहे हैं। गिरोह नया नया है, लेकिन यह जुआ रैकेट चलने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस गिरोह के सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा।

लोगों से की यह अपील

थाना प्रभारी कुलवंत सिंह का कहना है कि सट्टा कारोबारी दस गुना धन कमाने का लालच देकर पैसे लगवाते हैं, लेकिन सट्टा कारोबारियों के करीबियों का ही नंबर निकलता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सट्टा कारोबारियों से बचकर रहें। अगर कहीं भी सट्टा खिलवाने की बात पता चलती है, तो तुरंत पुलिस को सूचना देनी चाहिए ताकि उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो सके।

हरियाणा से इसलिए भाग रहे सट्टा कारोबारी

सट्टा कारोबारियों ने इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जीतने पर दांव लगाया था। लेकिन, इसके विपरीत भाजपा की सरकार बन गई। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले ही नायब सैनी की सरकार ने सट्टा कारोबारियों के खिलाफ सख्त एक्शन के लिए अध्यादेश लेकर आई थी। इसके तहत, जुआ और सट्टा खेलने और खिलाने वालों को 7 साल की सजा और 7 लाख की जुर्माना राशि का प्रावधान किया गया है। चूंकि आचार संहिता लगी थी, लिहाजा चुनाव आयोग के पास भेजा गया था। अब नायब सैनी की सरकार बनने के बाद सट्टा खेलने और खिलाने वालों में हड़कंप मचना लाजमी है।

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