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सेंटर फॉर नॉलेज सॉवरेन्टी की मानें तो भारत में सट्टा बाजार का सालाना कारोबार 100 अरब डॉलर के आसपास है। बावजूद इसके सट्टा किंग 7 नंबर से डर रहा है। जानिये कारण...

भारत का ऐसा एक भी राज्य नहीं है, जहां अवैध सट्टा बाजार पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा सकी है। उत्तर भारत हो या फिर दक्षिण भारत, हर जगह सट्टा किंग सक्रिय हैं, जो कि लोगों को दस गुना मुनाफा देने का लालच देकर उन्हें कंगाली की दहलीज तक पहुंचा देता है। सेंटर फॉर नॉलेज सॉवरेन्टी की मानें तो भारत में सट्टा बाजार का सालाना कारोबार 100 अरब डॉलर के आसपास है। चिंताजनक पहलु यह है कि यह काला धन देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसे में हरियाणा सरकार ने सिटोरियों के खिलाफ अहम फैसला लिया है। खास बात है कि सट्टा किंग जहां संख्या 10 का इस्तेमाल कर लोगों को दांव लगाने के लिए उत्साहित करता है, वहीं हरियाणा सरकार ने संख्या 7 का इस्तेमाल कर सट्टा खिलाने और खेलने वालों पर नकेल कसने का प्रयास किया है।

दरअसल, हरियाणा सरकार आचार संहिता लगने के बावजूद ऐसा अध्यादेश लेकर आई है, जिसमें जुआ और सट्टा खिलाने वालों को 7 साल की सजा और 7 लाख की जुर्माना राशि का प्रावधान किया गया है। यही नहीं, जुआ खेलने वालों पर भी यह अध्यादेश लागू होगा। इसके अलावा मैच समेत अन्य खेलों पर भी हरियाणा में सट्टा लगाना संज्ञेय अपराध माना जाएगा। चूंकि आचार संहिता लगी है, इसलिए इसे मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा गया है। मंजूरी के बाद यह कानून लागू हो जाएगा।

हरियाणा में लॉटरी पर भी है प्रतिबंध

देश के कई राज्यों में लॉटरी खेलना मान्य है, लेकिन हरियाणा में इस पर लंबे सालों से पाबंदी लगी है। सेंटर फॉर नॉलेज सॉवरेन्टी की रिपोर्ट यह भी बताती है कि पैसों के खेल पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है। लोगों को ऐसे खेलों में शामिल न होने के लिए जागरूक करना जरूरी है, जो कि आपके पैसे से आपके देश के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। साथ ही, इसमें जुआ और सट्टा को लेकर विभिन्न माध्यमों पर इनके विज्ञापन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सलाह दी गई है।

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