Bhiwani: इस बार रंगों का त्यौहार होली पर शहर व कस्बों में पानी का जबरदस्त टोटा रहने वाला है। पानी के अभाव में अभी तक लोगों के घरों में तीसरे तो कहीं चौथे दिन पानी की सप्लाई दी जा रही है। ऐसे में किसी ने लोगों पर पानी डालकर होली खेली तो हलक सूखना लाजमी है। चूंकि शहर व कस्बों के अधिकांश जलघर सूखे पड़े है। दूसरी तरफ शहर के लोगों के लिए थोड़ी सी राहत भरी खबर ये है कि आज से जुई व मिताथल फीडर में पानी छोड़ा गया है, जो कल सुबह तक जलघरों में पहुंचने की उम्मीद है। पानी पहुंचने के बाद सप्लाई नियमित होने की संभावना बन गई है। जब तक जलघरों के टैंकों में पर्याप्त पानी जमा नहीं हो जाता, तब तक पानी की कटौती की तलवार लटकती रहेगी। फिलहाल शहर के लोगों को पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है।
कस्बों में पीने के पानी की बनी हुई समस्या
भिवानी शहर ही नहीं कस्बों में भी पीने के पानी की विकट समस्या बनी हुई है। शहर के जलघरों में एक दो दिनों का ही पानी का स्टॉक बचा है। अगर अब भी पानी टैंकों तक पहुंच गया तो भी पानी की सप्लाई नियमित होने में कम से कम तीन दिनों का समय लग जाएगा, जबकि दुल्हेंडी दो दिन बाद होगी। ऐसे में पर्याप्त पानी का स्टॉक न होने की वजह से घरों तक नियमित सप्लाई पहुंचना भी कठिन कार्य होगा। यहां यह बताते चले कि जिले की नहरों में 18 मार्च को पानी पहुंचना था, लेकिन यमुना से पानी कम मिलने की वजह से केवल सुंदर डिस्ट्रीब्यूटरी को ही चलाया गया। उस दिन जुई व मिताथल फीडर बंद थी। इन दोनों पर पड़ने वाले जलघरों में पानी खत्म हो चुका था, जिसके चलते शहर में पीने के पानी की राशनिंग करनी पड़ी।
तिलक लगाकर सूखी खेलनी होगी होली
पानी की कमी के चलते इस बार लोगों को तिलक या रंग गुलाल लगाकर ही होली खेलनी पड़ेगी। चूंकि शहर व कस्बों में पानी की विकट स्थिति बनी है। अगर किसी व्यक्ति ने पानी के साथ होली खेली तो उसी वक्त उनके घर में पीने के पानी के लाले पड़ जाएंगे। क्योंकि पहले ही पानी की कमी बनी हुई है और अगर पानी की बर्बादी कर दी जाए तो यह समस्या दोहरी बन जाएगी। इस बार लोगों को तिलक लगाकर ही होली खेलनी होगी। इस तरह होली खेलने से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के साथ-साथ पानी की बर्बादी को भी रोका जा सकता है।