सुरेन्द्र असीजा, फतेहाबाद: सिरसा लोकसभा सीट से पूर्व सांसद अशोक तंवर के आम आदमी छोड़कर भाजपा में ली एंट्री के बाद इस सीट पर भाजपा के समीकरण काफी बदल गए हैं। अशोक तंवर की भाजपा में एंट्री के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में वर्तमान सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट पर संकट मंडराने लगा है। दरअसल तंवर सिरसा लोकसभा से सांसद रह चुके हैं और लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में रहते हुए यहां सक्रिय रहे है। भाजपा के इंटरनल सर्वे में वर्तमान भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल का रिपोर्ट कार्ड नेगेटिव पाया गया है। ऐसे में पूरा क्यास लगाया जा रहा है कि भाजपा इस बार सिरसा लोकसभा सीट से ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारना चाहती है जिसकी जीत की पूरी संभावना हो।
अशोक तंवर ने आप छोड़कर थामा था भाजपा का दामन
पिछले दिनों अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहने और भाजपा ज्वाइन करने से पूर्व ही सांसद सुनीता दुग्गल को अपनी टिकट पर खतरा दिखने लगा था। जिसके बाद सुनीता दुग्गल सिरसा लोकसभा सीट पर पहले से ज्यादा एक्टिव हो गई। माना जा रहा है कि भाजपा का प्रदेश नेतृत्व अशोक तंवर को आगे करके इस सीट को मोदी की झोली में डालना चाहता है। हालांकि भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अशोक तंवर अम्बाला से भी चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल, पिछले दिनों भाजपा के इंटरनल सर्वे में दुग्गल का रिपोर्ट कार्ड नेगेटिव निकला तो यहां प्रत्याशी बदलने की चर्चाएं तेज हो गई। यह चर्चाएं अशोक तंवर की भाजपा में एंट्री के बाद रूक गई। ऐसे में राजनैतिक विश्लेषक यही मान कर चल रहे हैं कि भाजपा अशोक तंवर को एक बड़ी कड़ी के रूप में लेकर साथ चलेगी।
कांग्रेस में टिकट के लिए चल रही प्रतिस्पर्धा
सिरसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट के लिए हुड्डा गुट के पूर्व सांसद डॉ. सुशील इंदौरा व शैलजा गुट के पूर्व सांसद चरणजीत रोड़ी में प्रतिस्पर्धा चल रही है। यह दोनों ही नेता इससे पूर्व इनेलो की टिकट पर यहां से सांसद रह चुके हैं। दोनों का अच्छा प्रभाव है। अब प्रदेश कांग्रेस हुड्डा वर्सेज सैलजा गुट में बंटी है तो दोनों में किस गुट को यह टिकट मिलेगी, अभी दावे से नहीं कहा जा सकता। हुड्डा गुट यहां से रतिया के पूर्व विधायक जरनैल सिंह पर भी दांव खेल सकता है, वहीं भाजपा रतिया के पूर्व विधायक रविन्द्र बलियाला के नाम पर भी विचार कर रही है। हालांकि इससे पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी व पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी का नाम भी चर्चा में था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में हरियाणा में तैनात केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ एक मुख्य विभाग के अधिकारी का नाम भी इस सीट को लेकर काफी चर्चा में है।
सिरसा लोकसभा में 9 विस क्षेत्र शामिल
सिरसा संसदीय क्षेत्र में सिरसा जिले के 5 विधानसभा क्षेत्र कालांवाली, डबवाली, रानिया, सिरसा व ऐलनाबाद शामिल हैं। वहीं फतेहाबाद जिले के फतेहाबाद, रतिया व टोहाना विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। नरवाना विधानसभा सीट भी सिरसा लोकसभा के अंर्तगत आती है। ऐसे में लोकसभा चुनावों को लेकर मार्च में कभी भी आचार सहिंता लागू हो सकती है। सभी दलों के पास पर्याप्त समय है और उम्मीदवारों की घोषणा करने के लिए कोई भी पार्टी जल्दबाजी नहीं कर रही। सभी दल अपनी जमीनी हकीकत को भांपते हुए मजबूत चेहरों की तलाश में हैं। जिताने वाले चेहरे के लिए सभी पार्टियां एक-दूसरे के घर में सेंध लगाने के साथ-साथ टिकट न मिलने पर होने वाली भगदड़ पर भी नजर रखे हुए हैं। सभी पार्टियों में टिकट के दावेदारों ने हाईकमान की परिक्रमा व वोटरों की मनुहार शुरू कर दी है। टिकट को लेकर सबसे बड़ी योग्यता कास्ट फैक्टर ने नेताओं को जोड़-घटा करने में लगाया हुआ है।