सोनीपत। खरखौदा के एक निजी अस्पताल में अगस्त 2023 में जच्चा-बच्चा की मौत मामले में पुलिस ने जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के करीब नौ माह बाद चिकित्सक के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया है। इस मामले में मृतका के पति ने शिकायत कर अपनी पत्नी व बच्ची की मौत के लिए अस्पताल के चिकित्सको की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था। जिसकी जांच के लिए बनी कमेटी ने अपनी जांच में जच्चा-बच्चा की मौत के लिए अस्पताल व चिकित्सकों की लापरवाही के आरोपों को सही ठहराया। जिसे आधार बनाकर पुलिस ने केस दर्ज किया है। हालांकि अभी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
जांच के लिए गई तो डिलीवरी के लिए किया भर्ती
खरखौदा के वार्ड 15 निवासी नवीन अपनी गर्भवती पत्नी लक्ष्मी को रूटीन जांच के लिए वार्ड 13 में नर्स के पास ले गया। जिसने उन्हें दिल्ली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में जांच के लिए भेज दिया। जहां डॉक्टर नेहा ने जांच के बाद कहा कि लक्ष्मी की आज ही डिलीवरी होगी तथा उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया। रात करीब 10 बजे डिलीवरी हुई तो नर्स ने उसे डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत व पत्नी के गंभीर होने की जानकारी देते हुए उसकी पत्नी को रेफर कर दिया।
पीजीआई पहुंचा तो पत्नी की भी हो चुकी थी मौत
नर्स के कहने पर नवीन अपनी पत्नी लक्ष्मी को लेकर रोहतक के लिए निकला। जब पत्नी को लेकर चला तो वह बेहोश थी। जिसे बेहोशी की हालत में ही पीजीआई लेकर पहुंचा। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद वह पत्नी को घर ले गया तथा फिर अपने मृत बच्चे को लेने के लिए खरखौदा के निजी अस्पताल गया तथा नवजात के शव को लेकर घर आ गया।
कपड़ा हटाने पर रह गया दंग
शव लेकर घर पहुंचने के बाद जब नवजात को कपड़ा खोलकर देखा तो वह दंग रह गया। नवजात के होठ पर बाईं साइड कट लगा हुआ था और सिर के बाईं साइड की खाल उतरी हुई थी। जिससे उसे डिलीवरी के दौरान अस्पताल की लापरवाही का पता चला तथा अस्पताल व चिकित्सक के खिलाफ शिकायत दी। नवीन की शिकायत पर जच्चा-बच्चा की मौत के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया। जिसनें अपनी जांच में नवीन के आरोपों को सही माना। मेडिकल बोर्ड की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने अब करीब नौ माह बाद चिकित्स के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज कर लिया है।