No-confidence motion News, सूरज सहारण, कैथल। राजनीति कब किस करवट बैठेगी कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसा ही कुछ भाजपा व जजपा का गठबंधन टूटने के बाद कैथल में जिला परिषद चेयरमैन पद पर कई माह से चल रहे घमासान से देखने को मिल रहा है। गठबंधन टूटा तो जजपा के चेयरमैन दीपक उर्फ दीप मलिक के खिलाफ भाजपा समर्थित 15 पार्षदों ने अविश्वास का शपथ पत्र दिया। चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया तो मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 19 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव के लिए होने वाली वोटिंग पर तो रोक लगाने से इंकार कर दिया, परंतु चुनाव परिणाम घोषित करने के लिए उसके फैसले का इंतजार करने को कहा। 

अब वोटिंग तो होगी, परंतु परिणाम घोषित नहीं होगा

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद भले ही 19 जुलाई को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया हो, परंतु वोटिंग के बाद चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगाकर मामले की सुनवाई पूरी होने तक चेयरमैन दीप मलिक को कुछ राहत जरूर दे दी है। 19 को होने वाली वोटिंग में चेयरमैन का ताज बचेगा या फिर नीचे से कुर्सी खिसकेगी, यह हाईकोर्ट से हरीझंडी मिलने पर वोटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। 

21 पार्षदों में से 15 खिलाफ

भाजपा नेतृत्व ने इसी साल लोकसभा चुनावों से पहले मार्च माह में मनोहर की जगह नायब सैनी को प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान सौंपने के साथ जजपा से गठबंधन भी तोड़ लिया था। हरियाणा में भाजपा व जजपा गठबंधन सरकार के दौरान जनवरी 2023 में जजपा नेता दीपक उर्फ दीप मलिक को कैथल जिला परिषद का चेयरमैन चुना गया था। गठबंधन टूटते ही दीप मलिक की कुर्सी पर मंडराना शुरू हुआ खतरा अब अविश्वास प्रस्ताव तक पहुंच गया है। जिला परिषद के 21 पार्षदों में 15 भाजपा व 6 जेजेपी समर्थक माने जाते हैं। फिलहाल भाजपा समर्थित 15 पार्षद दीप के खिलाफ एकजुट बताए जा रहे हैं। हालांकि असली तस्वीर 19 जुलाई के अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग का परिणाम घोषित होने के बाद ही सामने आ पाएगी।

क्या कहते हैं चेयरमैन

चेयरमैन दीप मलिक ने कहा कि  अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस जारी करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार अब अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तो करवा सकेगी, परंतु सुनवाई पूरी होने तक परिणाम घोषित नहीं कर सकेगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि कल की वोटिंग को स्थगित कर पूरी प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का फैसला आने तक इंतजार किया जाए। उन्होंने कहा कि वोटिंग में केवल 20-21 लोगों ने वोटिंग करनी है। ऐसे में मतदान को गोपनिया रखना संभव नहीं है। वोटिंग के बाद सदस्य बाहर आकर स्वयं बता सकता है कि उसे पक्ष में वोट दिया या विपक्ष में। समूह में मतदान करने से स्वयं भी यह पता चल सकता है। ऐसे में डीसी 19 को होने वाले मतदान को स्थगित करें और असंतुष्ट सदस्य नियमों के अनुसार फिर से अपना प्रस्ताव ले आएं। राजनीतिक साजिश के तहत भाजपा के कैथल जिला परिषद पर कब्जा करवाने के लिए जल्दबाजी में नोटिस लाया गया है। उनके दरवाजे सभी के लिए 24 घंटे खुले हैं। जिला परिषद 19 जुलाई को मतदान के बाद भी पहले की ही तरह चलती रहेगी तथा जिला परिषद का कामकाज ठप करने की साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।