Haryana: हरियाणा सरकार के साथ द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन की वार्ता सिरे चढ़ गई है। पिछले महीने भर से अधिक चली हड़ताल के बाद अब पटवारी सोमवार को काम पर लौटेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पटवारियों की मांगों को मानते हुए इस बारे में पत्र जारी कर दिया है। हड़ताल को खत्म करने का ऐलान रोहतक में हुई एसोसिएशन की बैठक के बाद किया गया। अब पटवारी रूके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए दोगुने जोश से काम करेंगे। साथ ही रूकी हुई रजिस्ट्रियां व अन्य प्रमाण पत्रों का काम भी सुचारू रूप से हो सकेगा।

3 जनवरी से धरने पर बैठे थे पटवारी

द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष जयवीर चहल ने बताया कि तीन जनवरी को हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि पटवारी ग्रेड-पे विसंगति और एश्योर करियर प्रमोशन एसीपी दी जाए। पटवारियों की हड़ताल के कारण फरद देने और रजिस्ट्री से संबंधित करीब 75 काम अधर में हैं। अब हरियाणा सरकार ने पटवारियों के वेतन संशोधन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उसमें 2019 बैच के पटवारियों को दो वेतन वृद्धि और वरिष्ठ बैच के पटवारियों को 1 जनवरी 2023 को मौजूदा उनके संबंधित पूर्व-उन्नत वेतन स्तर एसीपी स्तर में 3 वेतन वृद्धि की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इन वेतन वृद्धियों की अनुमति के बाद उनका वेतन 25 जनवरी 2023 के नोटिफिकेशन के अनुसार फिर से तय किया जाएगा।

कब-कब चली सरकार के साथ वार्ता

हरियाणा में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल को खत्म कराने के लिए सरकार ने दो बार वार्ता की। पहली बैठक 12 दिन पहले वित्त विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के साथ चंडीगढ़ में हुई। यह बैठक बेनतीजा रही। इसके बाद दूसरी मीटिंग फाइनेंशियल कमिश्नर रेवेन्यू के साथ वर्चुअल हुई। इसमें मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। तब पटवारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया।

हड़ताल से 400 करोड़ राजस्व का नुकसान

राज्य में द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन की हड़ताल के बाद तहसीलों में धरने-प्रदर्शन शुरू हो गए। हड़ताल के कारण लोगों को तहसीलों में काफी परेशानी हुई। जमीन की रजिस्ट्री और ट्रांसफर सहित पटवारी और कानूनगो के अंतर्गत आने वाले 75 तरह के काम नहीं हो रहे थे। नए साल की शुरुआत से ही ये सभी काम ठप थे। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पटवारियों की हड़ताल के चलते अब तक करीब 400 करोड़ का घाटा हो चुका है।