Haryana: हरियाणा के पानीपत की साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए फर्जी वेबसाइट बनाकर कंपनी की फ्रेंचाइजी देने व लक्की ड्रा निकलने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले चार आरोपियों को पटना से काबू किया। इनके कब्जे से 14 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 18 सिम कार्ड, स्टेट बैंक की 2 फर्जी मोहर, 4 अन्य मोहर व पते लिखे 304 लिफाफे, 900 लक्की ड्रा कूपन व 93 ऑफर फार्म बरामद किए। साइबर थाना पुलिस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर मिल रही हैं शिकायत
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस प्रदेश में साइबर अपराध की कमर तोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए मैनपॉवर को पहले से दोगुना कर दिया गया है। इतना ही नहीं, हरियाणा पुलिस और बैंक के नोडल अधिकारी अब एक ही छत के नीचे बैठकर आपसी तालमेल स्थापित करते हुए साइबर फ्रॉड की राशि को फ्रीज करने के लिए एकजुटता से कार्य कर रहे हैं। परिणाम स्वरूप शुरुआती 2 से 3 घंटे में प्राप्त होने वाली शिकायतो में साइबर फ्रॉड की राशि पहले की अपेक्षा अधिक सक्रियता से होल्ड की जा रही है।
पटना से पकड़े आरोपियों ने किया साइबर फ्रॉड का खुलासा
पानीपत जिला के एसपी अजीत सिंह शेखावत ने पटना से पकड़े गए चार आरोपियों द्वारा किए गए साइबर फ्रॉड के बारे में बताया कि आरोपी पिछले एक साल से इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देने में सक्रिय थे। आरोपी विभिन्न राज्यों में लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देकर करोड़ो रुपए की राशि की ठगी कर चुके है। वह गूगल पर स्पोर्टस की नामी कंपनी की फ्रेंचाइजी ढूंढ रहा था। जहां पर उसको एक वेबसाइट मिली। आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर धोखाधड़ी की। थाना साइबर क्राइम ने प्राप्त शिकायत पर जांच शुरू कर दी और आरोपियों की धरपकड़ के लिए योजना बनाई।
स्पोर्टस की कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर गूगल पर की अपलोड
एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया कि आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि अजित ने साथी आरोपी सुमित भारती के साथ मिलकर स्पोर्टस की कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर उसे गूगल पर अपलोड करवा दिया। तकनीकी तौर पर सक्षम होने के कारण अजीत को सॉफ्टवेयर के बारे में काफी जानकारी थी। आरोपी सुमित ने फर्जी वेबसाइट पर काफी विज्ञापन दिया ताकि गूगल पर उनकी वेबसाइट असल वेबसाइट से उपर दिखे। गूगल पर स्पोर्टस की इस नामी कंपनी की वेबसाइट सर्च करने पर आरोपियों की फर्जी वेबसाइट पहले दिखाई देने पर लोगों द्वारा उस पर विश्वास कर लिया जाता। लोग कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए फर्जी वेबसाइट पर दिए मोबाइल नंबर पर सपर्क करते तो आरोपी उनकों विश्वास में लेकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे।
लक्की ड्रा निकलने का झांसा देकर आरोपी लोगों से करते थे ठगी
एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया उक्त गिरोह फर्जी वेबसाइट के अलावा लक्की ड्रा निकलने के नाम पर भी लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देने में सक्रिय था। आरोपी सुनील तथा श्याम लोगों को फोन कॉल कर वोडाफोन, एयरटेल, जीओ इत्यादी टेलीकॉम कंपनियों का अच्छा कस्टमर बताकर ड्रा कूपन की स्कीम बताकर झांसे में लेते थे। कस्टमर के साथ सहमति होने पर उसका नाम पता इत्यादी पूछकर पते पर कोरियर से ड्रा कूपन के साथ फार्म भेजते। कूपन को स्क्रेच करते ही SUV कार, मारूती कार व बाइक निकलते ही कस्टमर उक्त नंबरों पर कॉल करता तो आरोपी टैक्स व प्रोसेंसिग फीस के नाम पर खाते में पैसे डलवाकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते। अगर कोई कस्टमर प्राइज की जगह पैसे लेने की बात कहता तो आरोपी कागज पर विवरण अंकित कर एसबीआई बैंक की फर्जी मोहर लगाकर उसके पास व्हाट्सएप पर भेज देते और बैंक से राशि अप्रूवल होने की बात कहकर कस्टमर से 10 प्रतिशत टैक्स जमा करवाने की बात कहकर ठगी करते।
आरोपियों से जब्त किया गया ठगी का सामान
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त 14 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 18 सिम कार्ड, स्टेट बैंक की 2 फर्जी मोहर, 4 अन्य मोहर व नाम पते लिखे 304 लिफाफे व 900 लक्की ड्रा कूपन, 93 ऑफर फार्म व 5 नोट बुक (कापी) बरामद कर पूछताछ के बाद चारों आरोपियों को सोमवार न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से ठगी की राशि बरामद करने व गिरोह में शामिल फरार साथी आरोपियों के ठिकानों का पता लगाकर पकड़ने का प्रयास करेगी। आरोपियों से ऑनलाइन ठगी की और भी काफी सारी वारदातों का खुलासा होनें की संभावना है।