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हरियाणा में डाक्टरों व सरकार के बीच बुधवार को समझौता वार्ता विफल हो गई। जिसके बाद एचसीएमएम ने प्रदेश में 25 जुलाई को हड़ताल करने का ऐलान कर दिया। जिसमें ओपीडी के साथ एमरजेंसी व पोस्टमार्टम भी बंद रखने का निर्णय लिया। 

Doctors strike। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेस एसोसिएशन (एचसीएमएम) ने बुधवार को सरकार के साथ समझौता वार्ता विफल होते ही 25 जुलाई को हड़ताल करने की घोषणा कर दी। एचसीएमएम ने हड़ताल के दौरान ओपीडी, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम, सभी प्रोग्राम का कार्य डॉक्टरों द्वारा बंद रखने का निर्णय लिया। इससे पहले एचसीएएमएम ने मांगें नहीं मानने पर 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था। सोमवार को मुख्यमंत्री ने बातचीत से समाधान निकालने का आश्वासन दिया था। मंगलवार को एचसीएमएम ने तीन मांगों पर सहमति बनने का दावा करते हुए बुधवार को फिर बातचीत की बात दोहराई थी। बुधवार को सरकार व एचसीएमएम के बीच समझौता वार्ता सिरे नहीं चढ पाई और डॉक्टरों ने फिर से हड़ताल का ऐलान कर दिया। 

मरीजों को होगी परेशानी

डॉ. विश्वजीत राठी ने बताया कि अपनी लंबित मांगों को लेकर हरियाणा के सभी एचसीएमएस डॉक्टर्स 25 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। इसका असर प्रदेशभर के नागरिक अस्पतालों, उप मंडल अस्पतालों, पीएचसी, सीएचसी, डिस्पेंसरी तथा पॉलीक्लीनिक पर पड़ेगा। सरकार से वार्ता विफल रहने पर यह निर्णय लिया गया है। एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. विश्वजीत राठी ने बताया कि एचसीएमएस डॉक्टर्स की मांगें पूरी न होने के कारण हरियाणा तथा रोहतक के सभी एचसीएमएस चिकित्सा अधिकारी हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल की वजह से हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सरकार द्वारा कोरोना वॉरियर्स जिन्होंने अपनी तथा अपने परिवार की जान जोखिम में डाल कर जनता की सेवा की उनके साथ किया जा रहा ये सुलूक बहुत ही दुखद है। उन्होंने बताया कि हड़ताल के दौरान ओपीडी, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम, सभी प्रोग्राम का कार्य डॉक्टरों द्वारा बंद कर दिया जाएगा।

यह हैं प्रमुख मांगें

1. एसोसिएशन की बॉन्ड कम करने की मांग सरकार द्वारा हामी भरने के बावजूद आगे नहीं बढ़ पाई है, एनईटी पीजी एक्जाम एक महीने बाद होने वाला है, मध्यम वर्ग से आने वाले सरकारी डॉक्टरों से एक एक करोड़ की दो प्रॉपर्टी गिरवी रखवाई जाती हैं जो देने में सरकारी डॉक्टर सक्षम नहीं हैं, बॉन्ड 1 करोड़ से 50 लाख किया जाए तथा कुछ भी गिरवी न रखवा कर पोस्ट डेटेड चेक लिया जाए।

2. डॉक्टरों की लंबे समय से मांग रही है की एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) की फाइल जो कई वर्षों से मुख्यमंत्री से अनुमति मिलने के बाद भी सरकार के पास लंबित है उसको जल्दी से जल्दी अमल में लाया जाए।

3. केंद्र सरकार के अनुसार हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों को भत्ते दिए जाएं, डॉक्टरों द्वारा किए जाने वाले कामों के लिए सरकार द्वारा उचित गाइड लाइन जारी की जाएं ।

4. स्पेशलिस्ट कैडर और स्पेशलिस्ट अलाउंस - लंबे समय से एसोसिएशन की मांग रही है की स्पेशलिस्ट कैडर को लाकर सरकार जल्दी से नोटिफाई करे तथा स्पेशलिस्ट अलाउंस दिया जाए।

5. डॉक्टरों की कमी की वजह से जनता तथा डॉक्टर दोनो को समस्या का सामना करना पड़ता है तथा जनसंख्या के हिसाब से डॉक्टर काफी कम हैं जिससे कार्य की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, एसोसिएशन मांग करती है की पॉलिसी बदल कर नई पोस्ट बनाए तथा जो पद खाली हैं उनको जल्द से जल्द भरा जाए।

6. डॉक्टरों के सभी रूटीन कार्यों प्रमोशन, एलटीसी, एसीपी केस, पोस्टमार्टम अलाउंस, सीसीएल छुट्टी अप्रूवल तथा अन्य कई कार्यों के लिए डीलिंग कर्मचारियों द्वारा कई जगह पैसे लिए जाते हैं। लंबे समय से यह भ्रष्टाचार डिपार्टमेंट में चल रहा है। जिसकी वजह से कोई भी कार्य समय पर पैसे न देने वाले डॉक्टर या अन्य कर्मचारियों का नहीं हो पाता। एसोसिएशन अपना विरोध दर्ज कराते हुए यह मांग करता है की डीलिंग की जवाबदेही और समय सीमा तय हो।

7. डायरेक्ट एसएमओ भर्ती कई वर्षों से बंद है, कई वर्ष बाद अचानक से अगर बड़ी संख्या में सरकार डायरेक्ट एसएमओ भर्ती करती है तो जो डॉक्टर 20 साल की नौकरी के बाद भी पहले प्रमोशन से एसएमओ तक नहीं बन पाए उनके लिए यह अन्याय होगा, यह तरीका अगर अपनाया गया तो यह कोर्ट में भी चैलेंज होगा।
 

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