Jind: किसानों द्वारा अंबाला में रेलवे ट्रैक रोकने का खामियाजा जींद की जनता को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली-चंडीगढ़ रूट की ट्रेनों को डायवर्ट कर वाया जींद बठिंडा के रास्ते पंजाब की तरफ भेजा जा रहा है। इस रेलवे ट्रैक पर पहले ही 80 के करीब यात्री ट्रेन और मालगाड़ी गुजरती थी, लेकिन अब 24 घंटे में 160 से ज्यादा रेलगाड़ियां प्रतिदिन गुजर रही हैं। औसतन हर नौ मिनट में एक ट्रेन गुजरती है और पांच-पांच मिनट में रेलवे फाटक बंद करनी पड़ रही हैं। इससे फाटक के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग रही है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हो रही है, वहां आधे घंटे से एक घंटे तक फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है।
15 अप्रैल से अंबाला रेलवे लाइन पर बैठे हैं किसान
गौरतलब है कि 15 अप्रैल को अंबाला रेलवे ट्रैक पर किसानों ने डेरा डाल कर ट्रैक को बाधित कर दिया था। ऐसे में कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट करने पड़े। दिल्ली से अंबाला होते हुए पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल जाने वाली ट्रेनों पर इसका असर पड़ा। रेलवे विभाग ने पंजाब की तरफ जाने वाली ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिल्ली से बहादुरगढ़, रोहतक, जींद, नरवाना, बठिंडा के रास्ते पंजाब की तरफ भेजना शुरू कर दिया। इससे जींद से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन पर ट्रेनों का दबाव बढ़ गया और कुछ ट्रेनें निर्धारित समय से देरी से गंतव्य तक पहुंचने लगी। क्योंकि एक्सप्रेस और लंबी दूरी की ट्रेनों को पहले रास्ता देने के लिए पैसेंजर और दूसरी ट्रेनों को पासिंग ट्रैक पर खड़ा किया जाने लगा। इससे यात्रियों की भी परेशानी बढ़ने लगी है।
जींद से होकर गुजरती थी 50 यात्री ट्रेनें, 30 मालगाड़ी, अब दो गुणा
अंबाला रेलवे ट्रैक रोकने से पहले दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन पर जींद से होकर 50 पैसेंजर, एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 30 मालगाड़ी गुजरती थी। इससे एक घंटे में एक या दो बार रेलवे फाटक को बंद करना पड़ता था। दूसरे रूट की ट्रेनें डायवर्ट होने के बाद अब हर पांच-पांच मिनट में रेलवे फाटक बंद करनी पड़ती है। जींद रेलवे स्टेशन अधीक्षक जयप्रकाश ने बताया कि सामान्य स्थिति होने के बाद फिर से पहले वाली समयसारिणी के अनुसार ट्रेनें चलेंगी। फिलहाल जींद से होकर 160 के करीब ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें मालगाड़ी भी शामिल हैं। जब तक अंबाला के पास रोका गया रेलवे ट्रैक बहाल नहीं हो जाता, तब तक ट्रेनें इसी रास्ते से डायवर्ट होकर गुजारने के आदेश मुख्यालय से मिले हैं।