हरियाणा: प्रदेश में इन दिनों दिन के समय पूरी धूप खिली हुई है परंतु रात को तापमान (Temperature) कम होने के साथ ठंड पड़नी शुरू हो गई। दिन में तेज धूप व रात में बढ़ती ठंड का लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री गिरावट आने से दिन और रात के तापमान में काफी अंतर आ गया है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार 10 से 13 दिसम्बर तक उत्तरी-पश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से ठंड बढ़ेगी। इस दौरान कई क्षेत्रों में धुंध या स्मॉग के आसार भी बने हुए हैं।

दिन में खिल रही कड़क धूप

पिछले कई दिनों से धुंध व स्मॉग के बाद मौसम खुला तो दिन के समय कड़क धूप पड़ रही है। दिन में धूप तो रात को तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे रात को तेज ठंड व दिन में गर्मी का अहसास होने से लोगों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर आने से लोगों को सर्दी-जुकाम, गला खराब होने जैसी बीमारियों ने जकड़ लिया है। इन दिनों नागरिक अस्पताल (Civil Hospital) में मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है। हालांकि इनमें मलेरिया या चिकनगुनिया का कोई मरीज नहीं आया है।

कल से बदलेगा हवाओं का रूख

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार 8 दिसम्बर से हवाओं में बदलाव आने से पूर्वा चलेंगी। 9 दिसम्बर को मौसम परिवर्तनशील तथा दक्षिणी-पश्चिमी हवाएं चलने से छुटपुट बूंदाबांदी के आसार है। 10 से 13 दिसम्बर तक मौसम खुश्क रहेगा, इस दौरान उत्तरी-उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आएगी। राज्य के कुछ क्षेत्रों में अलसुबह धुंध या स्मॉग रहने की भी संभावना है। मौसम विभाग (Meteorological Department) के अध्यक्ष डॉ. मदनलाल खिचड़ के अनुसार जब-जब मौसम साफ होगा, तापमान में गिरावट आएगी। बादल आने के बाद तापमान में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान सुबह धुंध रहेगी।

फसलों के लिए फायदेमंद मौसम

सर्दी का बढ़ना रबी सीजन की फसल के लिए लाभकारी माना जा रहा है, विशेषकर गेहूं की फसल के लिए यह मौसम काफी अनुकूल है। मौसम में आए बदलाव से किसान राहत महसूस कर रहे हैं। सुबह और शाम ओस गिरने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। रात के तापमान में आई गिरावट से सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। कृषि जानकारों का कहना है कि अगर सर्दी के साथ कोहरा भी बढ़ता है तो यह सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कोहरा छाने से रात व सुबह के तापमान में गिरावट आती है। इससे रबी फसल की दर बढ़ती है। इस तरह का मौसम खेती-किसानी के लिए फायदेमंद होता है।