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हरियाणा में लोगों को भारी गर्मी से जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। कमजोर पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता आसमान में घने बादलों और तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी या हल्की बरसात से लोगों को लू के थपेड़ों से निजात दिला सकती है। 20 जून से मौसम में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

Haryana: इस साल जून माह में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। झुलसती गर्मी और हीट वेव ने लोगों को जमकर परेशान किया। रात का तापमान सामान्य से 6 डिग्री तक अधिक रहा। आसमान से बरस रही आग ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। अब लोगों को भारी गर्मी से जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। कमजोर पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता आसमान में घने बादलों और तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी या हल्की बरसात से लोगों को लू के थपेड़ों से निजात दिला सकती है। 20 जून से मौसम में बड़ा बदलाव आने की संभावना है, जो लू के प्रकोप को खत्म कर सकता है।

आशिंक बादलों से कम होगा लू का प्रकोप

बुधवार सुबह से ही आसमान साफ रहने के कारण तेज धूप की तपिश ने लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल बना दिया। दोपहर बाद तक 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गर्म हवाएं चलती रही। शाम के समय आसमान में आंशिक बादल छाने से लू का प्रकोप कुछ हद तक कम हो गया। भारी गर्मी ने इस बार मई माह के दूसरे पखवाड़े से लोगों को जमकर परेशान किया। दोनों महीने प्री-मानसून बरसात के बिना सूखे निकले। जून माह के अंत में हल्की बरसात की संभावनाएं नजर आ रही हैं, जिससे लू का प्रकोप खत्म होने के आसार हैं। गत वर्ष अप्रैल माह से ही नियमित अंतराल के बाद बारिश होती रही, जिस कारण लोगों को लू के प्रकोप का सामना नहीं करना पड़ा। तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से भी कम बना रहा, परंतु इस बार लोगों को बरसात का दीदार अभी तक नहीं हुआ है।

मौसम में जल्द बदलाव की उम्मीद

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार एक नया ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से एक चक्रवातीय सकुर्लेशन दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर बनने से अरब सागर से दक्षिणी पश्चिमी नमीयुक्त हवाएं चलेंगी। 21 जून तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। तेज आंधी के साथ बूंदाबांदी या हल्की बरसात होने की संभावना है। इसके बाद हीटवेव का असर खत्म हो जाएगा। इस दौरान में तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी, जो लोगों को भारी गर्मी से राहत प्रदान करेगी।

इंद्रदेव पर टिकी धरतीपुत्र की निगाहें

इस बार इंद्रदेव की नाराजगी धरतीपुत्र पर भारी पड़ रही है। भारी गर्मी के कारण किसानों के लिए एक ओर जहां कपास की फसल बचाना मुश्किल बना हुआ है, तो दूसरी ओर किसान बाजरे की अगेती बिजाई शुरू नहीं कर पाए हैं। जून माह के दूसरे पखवाड़े में बाजरे की बिजाई शुरू हो जाती है। पिछले साल किसानों ने मई के अंत में ही बरसात के बाद बिजाई कर दी थी। इस समय किसानों की नजरें इंद्रदेव पर टिकी हुई हैं। इस समय अच्छी बरसात होती है, तो वह किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी।

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